अफ्रीकी बच्चों के लिए मलेरिया की वैक्सीन का डब्ल्यूएचओ ने किया समर्थन
जिसे अफ्रीकी विज्ञानियों ने अफ्रीका में ही विकसित किया है और हम सभी को इस पर गर्व है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि मलेरिया के खिलाफ एकमात्र स्वीकृत टीका ही व्यापक रूप से अफ्रीकी बच्चों को लगाया जाना चाहिए। यह इस बीमारी के खिलाफ बड़ी कामयाबी को चिन्हित करना है जो हर साल हजारों लोगों को जान लेती है।
डब्ल्यूएचओ की सिफारिश आरटीएस, एस-या मासक्विरिक्स वैक्सीन के लिए है, जिसे ब्रिटिश दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने विकसित किया है। डब्ल्यूएचओ के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट कार्यक्रम के रूप में 2019 के बाद से मासक्विरिक्स की 23 लाख डोज घाना, केन्या और मालावी में नवजात बच्चों को लगाई जा चुकी है। इस बीमारी से मरने वालों में ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं।
पायलट प्रोजेक्ट कार्यक्रम शुरू करने से पहले इस वैक्सीन का सात अफ्रीकी देशों में करीब एक दशक तक क्लीनिकल परीक्षण किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट कार्यक्रम में किसी भी उत्पाद को व्यापक स्तर पर पेश करने से पहले उसके प्रभाव का आकलन करने के लिए उसे सीमित क्षेत्र में उतारा या पेश किया जाता है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि यह ऐसी वैक्सीन है जिसे अफ्रीकी विज्ञानियों ने अफ्रीका में ही विकसित किया है और हम सभी को इस पर गर्व है।