WHO वैज्ञानिक ने कोरोना को लेकर बताए चार प्रमुख कारण, जताई चिंता

कोरोना की धीमी पड़ती दूसरी लहर की खबरों के बीच दुनियाभर में डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं

Update: 2021-07-11 16:59 GMT

कोरोना की धीमी पड़ती दूसरी लहर की खबरों के बीच दुनियाभर में डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। कई देशों में स्थिति इतनी बिगड़ती जा रही है कि वहां फिर से लॉकडाउन लगाने जैसे हालात बन रहे हैं। कोरोना के एक बार फिर से बढ़ते मामलों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना महामारी को हल्के में लेने की लगती न करें, महामारी की रफ्तार कम नहीं हुई है।


सौम्या स्वामीनाथन ने चिंता जताते हुए कहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रसार और टीकाकरण की धीमी गति के कारण दुनिया के अधिकांश देशों में कोविड-19 के मामलों में फिर से वृद्धि हो रही है, यह निश्चित ही हमारे लिए चिंता का विषय है। हाल के एक साक्षात्कार में, स्वामीनाथन ने कहा कि कई देशों में स्थिति दोबारा से खराब होती दिख रही है। अफ्रीका में हालात और भी खराब हैं, वहां पिछले दो हफ्तों में मृत्यु दर 30-40 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

सौम्या स्वामीनाथन कहती हैं, जिस तरह से दुनियाभर से रोजाना कोरोना के बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में यह मानना कि महामारी की रफ्तार कम हो गई है, सही नहीं है। डेल्टा वैरिएंट के मामले जिस तरह तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में माना जा सकता है कि कोरोना का यह वैरिएंट कोविड के अब तक के सभी वैरिएंट्स से कहीं ज्यादा संक्रामक और खतरनाक है। कोराना के मूल वायरस से संक्रमित व्यक्ति जहां दो-तीन लोगों को संक्रमित रहा था, वहीं डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति 8 से अधिक लोगों तक संक्रमण पहुंचा सकता है।

ये हैं चार मुख्य कारण

सौम्या स्वामीनाथन ने दुनियाभर में बिगड़ते हालात के लिए चार मुख्य कारणों को दोषी माना है। डॉ सौम्या कहती हैं, डेल्टा वैरिएंट्स निश्चित ही हमारे लिए सबसे बड़ी मुसीबत का कारण बना हुआ है। उसके साथ लोगों का फिर से एक दूसरे से मिलना, लॉकडाउन में ढील और टीकाकरण की धीमी रफ्तार के कारण कई देशों में हालात फिर से खराब हो रहे हैं। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से ऊब चुके लोग थोड़ी राहत देखते ही दोबारा घरों से बाहर निकलने लगे हैं, इसमें कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया जा रहा है, इसे भी एक कारण के रूप में देखा जाना चाहिए।

तेजी से करना होगा वैक्सीनेशन

स्वामीनाथन कहती हैं, कुछ देशों में टीकाकरण के कारण कोविड-19 के गंभीर मामलों और अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में जरूर कमी आई है। वहीं दुनिया के कुछ हिस्से अभी भी ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड की कमी और उच्च मृत्यु दर का सामना कर रहे हैं। यहां जल्द से जल्द वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने की आवश्यकता है। हमारे पास फिलहाल कोरोना से मुकाबले के लिए यही एक हथियार है, टीकाकरण की रफ्तार में हर हाल में तेजी लाने की आवश्यकता है।

वैक्सीन से जुड़ी है उम्मीद

एक अन्य साक्षात्कार में, स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परिणाम काफी आशाजनक लग रहे हैं। उम्मीद है कि वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ द्वारा अगस्त के अंत तक अनुमोदित किया जा सकता है। स्वामीनाथन कहती हैं, कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परिणाम उत्साहजनक है। इस वैक्सीन को दुनिया के लिए चिंता का कारण बने कोरोना के वैरिएंट्स पर 60 फीसदी तक प्रभावी पाया गया है। उम्मीद है कि यह वैक्सीन आने वाले समय में हमारे लिए काफी मजबूत हथियार साबित होगी। फिलहाल लोगों को कोरोना से बचाव के उपायों के प्रति जरा सी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, वरना इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

स्रोत और संदर्भ:

अस्वीकरण नोट: यह लेख डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के एक हालिया साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं।
Tags:    

Similar News

-->