जब सब डरकर भाग रहे थे तब एक भारतीय की बहादुरी ने बचाई कई लोगों की जान
न्यूजीलैंड के एक सुपरमार्केट में जब हाथों में चाकू लिए हमलावर ‘अल्लाह-अल्लाह’ के नारे लगाकर लोगों को निशाना बना रहा था, तब एक भारतीय ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। न्यूजीलैंड (New Zealand) के एक सुपरमार्केट में जब हाथों में चाकू लिए हमलावर 'अल्लाह-अल्लाह' के नारे लगाकर लोगों को निशाना बना रहा था, तब एक भारतीय (Indian) ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. शुक्रवार को जिस वक्त यह वारदात हुई अमित नंद (Amit Nand) ऑकलैंड स्थित सुपरमार्केट में शॉपिंग के लिए गए थे. तभी उन्हें लोगों के चीखने की आवाज सुनाई देने लगी. इससे पहले कि वो कुछ समझ पाते, लोगों ने जान बचाने के लिए यहां-वहां भागना शुरू कर दिया. फिर उनकी नजर हाथों में बड़ा सा चाकू लिए एक व्यक्ति पर पड़ी.
Injured Woman को देखकर रुके
अमित नंद (Amit Nand) ने बताया कि सुपरमार्केट में मौजद लोग चिल्लाते हुए भाग रहे थे. कुछ लोगों ने उनसे भी बिल्डिंग से बाहर निकलने को कहा, लेकिन तभी उन्होंने देखा कि एक घायल महिला मदद की गुहार लगा रही थी. इसके बाद अमित ने भागने के बजाए महिला की मदद करने का फैसला किया और हमलावर से भिड़ गए.
कुछ देर तक किया मुकाबला
अमित ने वहां मौजूद एक अन्य शख्स से डंडा लिया और बिना डरे चाकू थामे हमलावर से भिड़ गए. हमलावर को भी उम्मीद नहीं थी कि ऐसा कुछ होगा, लिहाजा वो भी चौंक गया. कुछ देर तक अमित उसका मुकाबला करते रहे, तभी एक पुलिसकर्मी ने उसे मार गिराया. यदि अमित साहस नहीं दिखाते तो अटैकर निश्चित तौर पर कई और लोगों को घायल कर चुका होता.
इस तरह ज्यादा खून बहने से रोका
अमित नंद ने बताया कि हमलावर के हाथ में काफी बड़ा चाकू था, वो बार-बार 'अल्लाह-अलाह' चिल्ला रहा था. आरोपी की मौत के बाद अमित ने घायलों की भी मदद की. उन्होंने सुपरमार्केट में मौजूद तौलिये और नैपकीन की मदद से घायलों का ज्यादा खून बहने से रोका. वो तब तक ऐसा करते रहे जब तक कि सहायता नहीं पहुंच गई. अपने इस साहसिक कार्य के लिए अमित की हर तरफ तारीफ हो रही है.
Sri Lanka का नागरिक था Attacker
मरने से पहले हमलावर ने छह लोगों को घायल किया था, जिनमें से एक ही स्थिति गंभीर बनी हुई है. हमलावर की पहचान 32 वर्षीय श्रीलंकाई नागरिक के तौर पर हुई है. वो 2011 में श्रीलंका से अमेरिका आ गया था. आतंकी गतिविधियों से जुड़े के मामले में उसे जेल भी हुई थी और कुछ वक्त पहले ही उसे जेल से रिहा किया गया था. हमलावर 24/7 पुलिस की निगरानी में था, इसके बावजूद उसने वारदात को अंजाम दे डाला.