कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमीक्रान' से क्या बचा पाएगी वैक्सीन, फाइजर और बायोएनटेक के बयान ने बढ़ाई चिंता, जानें क्या कहा

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोराना वायरस के नए वैरिएट 'ओमीक्रान' ने के सामने आने के बाद दुनिया में दहशत फैल गई है।

Update: 2021-11-27 04:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दक्षिण अफ्रीका में मिले कोराना वायरस के नए वैरिएट 'ओमीक्रान' ने के सामने आने के बाद दुनिया में दहशत फैल गई है। जानकरों का कहना है कि ओमीक्रान डेल्टा वैरिएट से भी अधिक खतरनाक है। वैज्ञानिकों को डर सता रहा है कि यह नया वैरिएंट कोरोना वैक्सीन को भी बेअसर कर सकता है। पहली बार यह वैरिएंट 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। वहीं, दवा कंपनियों फाइजर और बायोएनटेक के बयान ने लोगों को की चिंता को और बढ़ा दिया है।

शनिवार को दवा कंपनियों फाइजर और बायोएनटेक ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें इस बात का यकीन नहीं है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के नए वैरिएंट 'ओमीक्रान' के इलाज में सक्षम है या नहीं। स्पुतनिक ने बताया कि कंपनियों ने लगभग 100 दिनों में इस नए वैरिएंट के खिलाफ एक नया टीका विकसित करने का भी वादा किया है। कोरोना के नए वेरिएंट B.1.1.529 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरिएंट आफ कंसर्न की श्रेणी में रखा है। दक्षिणी अफ्रीका में पाए गए इस वैरिएंट को 'बोत्सवाना वैरियेंट' भी कहा जा रहा है। डब्लूएचओ ने इस वैरिएंट का नाम ग्रीक अक्षर 'Omicron' से रखा है।
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि अगर यह वैरिएंट वैक्सीन पर बेअसर रहता है, तो फाइजर और बायोएनटेक लगभग 100 दिनों में उस वैरिएंट के खिलाफ असरदार वैक्सीन विकसित करने और उत्पादन करने में सक्षम होंगे। फाइजर और बायोएनटेक ने कहा कि वे अगले दो हफ्तों के भीतर ओमीक्रान पर अधिक डेटा उपलब्ध हो जाएगा। बयान में कहा गया है कि नया संस्करण पहले मिल चिके वैरिएंट से काफी अलग है।
बयान में आगे कहा गया है कि दवा कंपनियों ने अपने टीके को नए संभावित वौरिएंट के अनुकूल बनाने के लिए महीनों पहले से ही काम करना शुरू कर दिया था। ओमीक्रान वैरिएंट के प्रसार के बीच विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने शनिवार को जिनेवा में होने वाले 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) को स्थगित कर दिया। नए वैरिएंट को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। ब्रिटेन, इटली और इजरायल समेत कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका, लेसेटो, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजांबिक, नाबिया और इस्वातिनी के लिए उड़ानें बंद कर दी हैं।
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