5G नेटवर्क की आड़ में अब क्या कर रहा चीन? अंतरिक्ष में 13 हजार सैटेलाइट्स छोड़न की तैयारी में ड्रैगन

चीन एक ऐसे मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, जिसने नए सिरे से दुनिया की चिंता बढ़ा दी है।

Update: 2022-01-29 06:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन एक ऐसे मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, जिसने नए सिरे से दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन अंतरिक्ष में 13 हजार उपग्रहों को भेजने की योजना बना रहा है। यह एक महातारामंडल जैसा होगा, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे। इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिस कंपनी को 13 हजार सैटेलाइट्स को स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है, उसने कहा है कि मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में वर्चस्व स्थापित करने का है।

उधर, चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (SASTIND) ने कहा है कि इसके तहत छोटे उपग्रहों का व्यवस्थित विकास किया जाएगा। जिससे इंटरनेट सुविधाओं को और मजबूत किया जा सके। हालांकि, इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल चीन किसलिए करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि चीन ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी 5G नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करने के लिए ऐसा कर रहा है।
क्या है पूरी योजना
चीन की योजना के मुताबिक, 12,992 उपग्रह 'मेगाकॉन्स्टेलेशन' पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे। ये पृथ्वी की सतह से 498.89 किलोमीटर से 1144.24 किलोमीटर के बीच रहेंगे। दरअसल, एक 'मेगाकॉन्स्टेलेशन' हजारों उपग्रहों का एक नेटवर्क है जो इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है। स्पेसएक्स स्टारलिंक वर्तमान में सबसे विकसित है, जिसमें लगभग 2,000 उपग्रह हैं।
हर देश की जासूसी तो नहीं करना चाहता चीन
ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाह रहा है। पहले भी वह पृथ्वी पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखता आया है। इसके लिए वह पहले ही दो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स को लॉन्च कर चुका है। चीन का दावा है कि ये उपग्रह समुद्री आपदाओं, समुद्री पर्यावरण और जल संरक्षण की निगरानी करते हैं।
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