ब्रिटेन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी नए लुक के साथ ब्रिटेन में नजर आए. उनका सात दिवसीय ब्रिटेन दौरा मंगलवार को शुरू हो गया. उन्होंने बुधवार को प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उनका संबोधन असहिष्णु होते समाज में 'सुनने की कला' पर फोकस था. उन्होंने दुनियाभर में लोकतांत्रिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए नए सोच को जरूरी बताया. उन्होंने भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों में लगातार घट रही मैन्युफैक्चरिंग का जिक्र करते हुए कहा कि इस बदलाव ने व्यापक स्तर पर असमानता और नाराजगी को जन्म दिया है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
राहुल गांधी (52) ने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया नहीं चाहते, जो लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ी हुई नहीं हो इसलिए हमें नई सोच की जरूरत है. हम एक ऐसी दुनिया को बनते हुए नहीं देख सकते, जहां लोकतांत्रिक मूल्य नहीं हो. इसलिए हमें एक नई सोच अख्तियार करनी पड़ेगी कि हमें बिना किसी दबाव के लोकतांत्रिक माहौल तैयार करें. इस बारे में चर्चा करें.
राहुल ने कैम्ब्रिज के छात्रों को बताया कि यात्रा एक जर्नी है, जिसमें लोग खुद के बजाए दूसरों को सुनते हैं. बता दें कि केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कैंब्रिज जज बिजनेस स्कूल (कैम्ब्रिज जेबीएस) के विजिटिंग फेलो हैं.
कैम्ब्रिज जेबीएस ने कहा कि एमबीए छात्रों के लिए राहुल गांधी का लेक्चर 21वीं सदी में धैर्य से सुनने के तरीके ढूंढने के तरीके खोजने के ईद-गिर्द रहा. बता दें कि कैम्ब्रिज में राहुल गांधी का लेक्चर तीन हिस्सों में बंटा हुआ था. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भारत जोड़ो यात्रा के बारे में अपने अनुभव साझा कर की. उन्होंने कहा कि इस यात्रा के जरिए वह भारत में बेरोजगारी, अन्याय और लगातार बढ़ रही असमानता की ओर ध्यान खींचा. उनके भाषण का दूसरा हिस्सा द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका और दो अलगृ-अलग दृष्टिकोणों पर केंद्रित था. राहुल ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों में कमी के अलावा अमेरिका 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के बाद से अमेरिका ने खुद को समेट सा लिया है. वहीं, राहुल के लेक्चर का आखिरी हिस्सा इम्पेरेटिव फॉर ए ग्लोबल कंजरवेशन विषय से जुड़ा हुआ था.