ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, जानिए चुनाव को लेकर क्या रहेंगे बड़े मुद्दे
ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव के लिए शनिवार से मतदान शुरू हो गया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव (Australia General Elections) के लिए शनिवार से मतदान शुरू हो गया है. चुनावों में प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन का कंजरवेटिव गठबंधन चौथी बार सरकार बनाने की उम्मीद कर रहा है. जो विपक्षी लेबर पार्टी (Labour Party) को मामूली अंतर के साथ हरा सकता है. लेकिन चुनाव अनुमानों की विश्वसनीयता पर यकीन नहीं किया जा सकता, क्योंकि साल 2019 में हुए चुनाव में सभी अनुमान धराशायी हो गए थे. वर्तमान चुनाव की बात करें तो मॉरिसन का गठबंधन छह हफ्ते के चुनाव अभियान के बावजूद ओपिनियन सर्वे में लेबर पार्टी से पीछे रहा है.
वर्तमान सरकार के प्रति लोगों में कोरोना वायरस के खराब प्रबंधन और जीवनयापन की लागत बढ़ने की वजह से काफी गुस्सा है. हालांकि मॉरिसन ने लोगों से वोट मांगते वक्त कहा है कि उनकी सरकार में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर कम हुई है. इसके साथ ही उन्होंने खुद को एक ऐसे नेता के तौर पर दिखाया है, जो अकेला ही सख्ती के साथ चीन के सामने खड़ा रह सकता है. उनके प्रमुख प्रतिद्विंदी और लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस ने भी मॉरिसन का मुकाबला करने के लिए चीन के प्रति सख्त नीति अपनाने की बात कही है.
अल्बानीस ने अपने चुनावी अभियान में लोगों का ध्यान बढ़ती महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत की तरफ खींचने की कोशिश की है. चलिए अब ऑस्ट्रेलिया चुनाव से जुड़ी जरूरी बातें जान लेते हैं-
ऑस्ट्रेलिया के आम चुनाव के आखिरी दिन चल रहे हैं, जिनके नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं.
चीन की तरफ से बढ़ता खतरा भी ऑस्ट्रेलिया के आम चुनाव में छाया हुआ है. चीन ने हाल में ऑस्ट्रेलिया के निकट मौजूद सोलोमन द्वीप के साथ सैन्य समझौता किया है, जिसको लेकर ऑस्ट्रेलिया चिंतित है.
चीन ऑस्ट्रेलियाई तट से 2000 किलोमीटर से भी कम दूरी पर अपना सैन्य अड्डा बना रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में महामारी के शुरुआती दो साल के दौरान जितनी मौतें हुईं, उनके मुकाबले इस साल अब तक दोगुनी से अधिक मौतें हो चुकी हैं. लोग उनके कोरोना वायरस के प्रबंधन को खराब बता रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया में इस साल कोविड-19 के चलते अब तक करीब आठ हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इससे पहले साल 2020 और 2021 में केवल 2,239 लोगों की मौत हुई थी.
महामारी और यूक्रेन युद्ध के चलते ऑस्ट्रेलिया में महंगाई बढ़ी है. इसके चलते लेबर पार्टी की तुलना में कंजरवेटिव पार्टी के बेहतर आर्थिक प्रबंधक होने की धारणा पर संशय पैदा हो गया है.
मार्च तिमाही में वार्षिक वृद्धि दर के बढ़कर 5.1 प्रतिशत पहुंच जाने बाद केंद्रीय बैंक ने 11 साल में पहली बार अपनी आधारभूत ब्याज दर 0.1 प्रतिशत से घटाकर 0.35 प्रतिशत कर दी.
मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलियाई लोगों को घरों के लिए टैप पेंशन देने की योजना बनाई है.
ऑस्ट्रेलिया की अगली सरकार को जिन मुद्दों से निपटना होगा, उनमें असामनता, चीन और कोयला संकट प्रमुख हैं.
कोयले को लेकर कौन की पार्टी क्या दावे करती है, ये भी फैसला करेगा कि इस चुनाव में किसकी जीत होगी.
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 26 से 28 प्रतिशत की कटौती करने का लक्ष्य रखा है. वहीं लेबर पार्टी का कहना है कि वह कार्बन उत्सर्जन में 43 प्रतिशत तक की कमी लाने की प्रयास करेगी.