टोंगा में एक बार फिर से ज्वालामुखी विस्फोट, सुनामी से बंद हुआ इंटरनेट
पानी भी दूषित हो गया है और सबसे ज्यादा साफ पेयजल की जरूरत है।
प्रशांत महासागरीय देश टोंगा में एक बार फिर से जोरदार ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। बताया जा रहा है कि ताजा विस्फोट रविवार को हुआ है। 4 दिन पहले ही टोंगा में भीषण ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था और उसके बाद भूकंप और सुनामी आई थी। सुनामी की लहरों का असर अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देश पेरू तक देखा गया था। टोंगा में सुनामी के कारण इंटरनेट बंद है और पीने का पानी खराब हो गया है। इंटरनेट न होने की वजह से नुकसान का अनुमान नहीं लग पाया है।
डार्विन के एक निगरानी स्टेशन ने बताया कि टोंगा में एक बार से जोरदार विस्फोट हुआ है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय में अभी और ज्यादा विस्फोट हो सकते हैं। इस बीच समुद्र के भीतर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रशांत महासागर के आसपास सुनामी का खतरा रविवार को कम होना शुरू हो गया, लेकिन छोटे से द्वीपीय राष्ट्र टोंगा के ऊपर बड़े पैमाने पर राख के बादल छा गए। टोंगा में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए न्यूजीलैंड से निगरानी उड़ानें भी नहीं भेजी जा सकीं।
विस्फोट से टोंगा में इंटरनेट पूरी तरह ठप
उपग्रह की तस्वीरों में शनिवार शाम को हुए भीषण विस्फोट के बाद प्रशांत महासागर के ऊपर राख, भाप और गैस की मोटी परत दिख रही थी। विस्फोट की आवाज अलास्का जितनी दूर तक सुनी जा सकती थी। टोंगा में समुद्र की भयानक लहरें तटों तक पहुंचने लगी और लोग जान बचाने के लिए जल्दबाजी में ऊंचे स्थानों पर जाने लगे। ज्वालामुखी विस्फोट से टोंगा में इंटरनेट पूरी तरह ठप हो गया जिससे दुनिया भर में लोग वहां अपने परिजनों, दोस्तों की खैरियत जानने के लिए बैचेन होने लगे। सरकार की वेबसाइट और अन्य माध्यमों पर भी रविवार दोपहर तक कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी गई है।
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि टोंगा में अभी तक किसी के घायल होने या मरने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है। साथ ही कहा कि अधिकारियों का अभी तक कुछ तटीय क्षेत्रों और छोटे द्वीपों से संपर्क नहीं हो पाया है। आर्डर्न ने कहा, 'टोंगा के साथ संचार संपर्क बहुत सीमित है। मैं जानती हूं कि यहां टोंगा के लोग काफी चिंतित हैं।' उन्होंने कहा कि टोंगा के तटवर्ती इलाकों में नावों और दुकानों को काफी नुकसान हुआ है। टोंगा की राजधानी नुकुलोफा ज्वालामुखी विस्फोट से निकली राख से ढकी हुई थी। आर्डर्न ने कहा कि क्षेत्र का पानी भी दूषित हो गया है और सबसे ज्यादा साफ पेयजल की जरूरत है।