बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, 45 संदिग्ध गिरफ्तार, अमेरिका ने भी की हमलों की निंदा

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Update: 2021-10-19 02:02 GMT

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. एक अफवाह के कारण दुर्गा पूजा के दौरान शुरू हुई हिंसा के बाद हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. वहीं, रविवार को रंगपुर के पीरगंज में हिंदुओं के घर जला दिए गए.

उधर, अमेरिका ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की है. अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, 'धार्मिक स्वतंत्रता और विश्वास मानव अधिकार है. दुनिया के हर व्यक्ति को अपनी धार्मिक पहचान और विश्वास की परवाह किए बगैर, सुरक्षित महसूस करने और अपने त्योहारों को मनाना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'विदेश विभाग बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की निंदा करता है.'
पुलिस ने बताया कि कमिला में एक हिंदू पूजा स्थल पर कुरान के अपमान को लेकर अफवाह फैलाई गई, जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया. अफवाह के बाद भड़की हिंसा में अब तक 6 लोग मारे जा चुके हैं. इस मामले में एक हिंदू युवक को भी हिरासत में लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक, पीरगंज में हिंदुओं के कम से कम 29 घर आग के हवाले कर दिए गए. गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने बताया कि हिंदुओं के घर जलाने वाले दोषियों की पहचान की गई और 45 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि, अब तक 71 से ज्यादा केस में 450 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों को आगाह किया है और बताया है कि पुलिस हर पोस्ट की मॉनिटरिंग कर रही है.
इसी बीच बांग्लादेशी हिंदु समुदाय के सदस्य प्रणेश हलदर ने अमेरिकी विदेशी विभाग से बांग्लादेश में हिंदुओं को और ज्यादा नुकसान न हो, ये सुनिश्चित करने का आग्रह किया. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में स्थित निगरानी समूहों और मीडिया से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को उजागर करने की अपील भी की.
अमेरिका स्थित हिंदू समूह HinduPACT के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, नोआखली में जिस तरह से हिंदुओं पर हमला किया जा रहा है, वो देखना भयानक है. उन्होंने बताया कि 75 साल पहले नोआखली में 12 हजार से ज्यादा हिंदुओं को मारा गया था और 50 हजार से ज्यादा को जबरन धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया था.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को नफरत और भेदभाव का निशाना बनाया जा रहा है. बांग्लादेश में 1940 में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी 28 फीसदी थी जो अब घटकर 9 फीसदी पर आ गई है. HinduPACT ने कहा कि हिंसा की ये खबरें इस बात को साबित करती हैं कि हिंदू अब भी वहां खतरे में है.
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