Russian Fighter Jets Intrusion: स्पेनिश PM के भाषण के बीच रूसी 'लड़ाकू विमानों' ने की घुसपैठ, मची अफरा-तफरी

यूरोपीय देश लिथुआनिया में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज (Pedro Sanchez) का भाषण उस समय बाधित हो गया

Update: 2021-07-10 13:03 GMT

Russian Fighter Jets Intrusion: यूरोपीय देश लिथुआनिया में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज (Pedro Sanchez) का भाषण उस समय बाधित हो गया, जब वहां रूसी विमानों की घुसपैठ का अलर्ट आया. रूस के इन दो विमानों को बाद में नाटो के विमानों ने पीछे की ओर खदेड़ दिया. ये घटना सियाउलिया एयरबेस पर हुई है. सांचेज को तुरंत हाई सिक्योरिटी जोन में ले जाया गया. रूस के लड़ाकू विमान पोलैंड और लिथुआनिया के बीच स्थित रूसी राज्य कैलिनिनग्राद (Kaliningrad) से बिना किसी फ्लाइट पाथ के उड़ान भर रहे थे.

बाल्टिक सागर में अतंरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के ऊपर उड़ते रूस के Su-24s लड़ाकू विमानों की जानकारी मिलते ही नाटो के समर्थन वाले स्पेन के लड़ाकू विमानों ने मिनटों में उड़ान भरी. बाद में बताया गया कि रूस के विमान बिना फ्लाइट पाथ के उड़ रहे थे और इनकी ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई. रूसी विमान मिसाइलों से लेस थे. वहीं जिस समय घटना हुई, तब स्पेन के पीएम के साथ लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतानास नौसेदा भी थे.
नौसेदा ने सांचेज को कहा धन्यवाद
राष्ट्रपति नौसेदा (Gitanas Nauseda) ने कहा, 'क्या आपको लगता है कि जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो ऐसा वास्तव में हो सकता है? मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि विमान ने 15 मिनट से भी कम समय में उड़ान भरी होगी. धन्यवाद पेड्रो, हम अभी इस बात के गवाह बने हैं कि कैसे एयर-पुलिसिंग मिशन वास्तव में काम करते हैं. आपके पायलट्स की योग्यता और तत्परता ने हमें शंका करने का कोई कारण ही नहीं दिया है.' घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसपर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
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2014 के बाद बढ़ी घुसपैठ की घटनाएं
बाल्टिक सागर पर रूसी विमान 2014 के बाद से ज्यादा उड़ रहे हैं. ये वही साल है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया को यूक्रेन से अपने नियंत्रण में ले लिया था (Russia Annexed Crimea). हफ्ते में कम से कम तीन बार बाल्टिक एयर-पुलिस मिशन रूसी घुसपैठ को रोकते हैं. वहीं सांचेज ने घटना पर कहा है, 'हम इसके गवाह बने हैं कि लिथुआनिया और स्पेन के सैनिक कितनी बेहतरी से एक दूसरे का सहयोग कर सकते हैं. इसी वजह से आज हम यहां हैं- पूर्वी सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए.'
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