आईएसआई को देता था भारत यात्रा की हर जानकारी, पाकिस्तानी स्तंभकार का कबूलनामा,

पाकिस्तान के जाने-माने स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने एक साक्षात्कार में यह कबूल किया है कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में कई बार भारत आकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के लिए कई अहम जानकारियां जुटाई थीं।

Update: 2022-07-12 00:53 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान के जाने-माने स्तंभकार नुसरत मिर्जा ने एक साक्षात्कार में यह कबूल किया है कि उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में कई बार भारत आकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए कई अहम जानकारियां जुटाई थीं। उन्हें तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यकाल में कई बार भारत आने का न्योता दिया गया।

कांग्रेस शासनकाल में कई बार की भारत यात्रा
कांग्रेस शासनकाल में कई बार भारत यात्रा पर आए नुसरत मिर्जा ने कैमरे पर कबूल किया कि वह यात्रा की जानकारी लगातार आईएसआई के अधिकारियों को देते थे।
पांच बार भारत का किया दौरा
स्तंभकार मिर्जा ने ये बातें पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शकील चौधरी को दिए साक्षात्कार में कही हैं। नुसरत मिर्जा ने कहा कि वह पांच बार भारत दौरे पर गए हैं। उन्होंने 2011 के दौरे का जिक्र किया। इस साक्षात्कार में मिर्जा ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का नाम लिया है। अंसारी 2007 से 2017 तक भारत के 12वें उपराष्ट्रपति थे। मिर्जा ने कहा कि "मुझे उनके कार्यकाल में भारत आमंत्रित किया गया था। जब मैं वापस लौटकर पाकिस्तान गया तो आईएसआई के अफसर ने उन्हें कहा कि जो भी जानकारी उन्होंने इकट्ठा की है वह आईएसआई के नए चीफ जनरल कियानी को दें।"
तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिया था न्योता
मिर्जा ने कहा, "मुझे 12वें उपराष्ट्रपति (भारतीय राजनीतिज्ञ और सेवानिवृत्त राजनयिक) मोहम्मद हामिद अंसारी का निमंत्रण मिला था। मैं पांच बार भारत गया। इस दौरान मैंने दिल्ली, बंगलूरू, चेन्नई, पटना और कोलकाता का भी दौरा किया। 2011 में, मैं मिल्ली गजट अखबार के मालिक जफरुल इस्लाम खान से भी मिला।" जफरुल-इस्लाम खान दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय मुसलमानों के प्रमुख समाचार स्रोत मिल्ली गजट के संस्थापक-संपादक हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से कई विशेष सहूलियतें मिलती थीं
मिर्जा ने बताया कि मुझे भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से कई विशेष सहूलियतें मिलती थीं। आमतौर पर भारत के लिए वीजा आवेदकों को तीन स्थानों की यात्रा की अनुमति मिलती थी। नवंबर 2002 से नवंबर 2007 तक विदेश मंत्री रहे खुर्शीद कसूरी की मदद से मुझे सात शहरों में जाने का वीजा मिला। जिस समय कांग्रेस का शासन भारत में था, उस समय वह आतंकवाद पर हुए एक सेमिनार में शामिल होने के लिए भारत आए थे। भारत में उर्दू अखबारों के तमाम संपादक उनके मित्र हैं।
नुसरत ने खुलासा किया कि आईएसआई में भारतीय नेताओं पर अलग विंग है। वह उनकी कमजोरी जानते हैं, लेकिन अनुभव की कमी के कारण इसका अपने हित में इस्तेमाल नहीं कर पाते।
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