अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की जज बानी एमी कोनी बैरेट, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले सोमवार को अमेरिकी सीनेट में सुप्रीम कोर्ट के नए जज के लिए वोटिंग की गई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव से करीब एक सप्ताह पहले सोमवार को अमेरिकी सीनेट में सुप्रीम कोर्ट के नए जज के लिए वोटिंग की गई। इस वोटिंग में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित एमी कोनी बैरेट ने जीत दर्ज की और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की नई जज बन गईं। अमेरिकी सीनेट ने वोटिंग के बाद उनकी जीत की पुष्टि की है।
सीनेट के मुताबिक, एमी कोनी के पक्ष में 52 और विरोध में 48 वोट पड़े, जिसमें किसी भी डेमोक्रेट ने बैरेट के पक्ष में मतदान नहीं किया था। व्हाइट हाउस ने ट्वीट किया कि 'एमी कोनी बैरेट सर्वोच्च न्यायालय के 115 वें एसोसिएट जस्टिस होंगी'! । सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, बैरेट शिकागो स्थित 7वें यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स की एक न्यायाधीश हैं।
बैरेट को यूएस सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के रूप में शपथ दिलाई गई, वह दिवंगत जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग की जगह लेंगी। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार रात बैरेट को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने भी पत्रकारों से कहा कि यदि सीनेट बैरेट के नामांकन को मंजूरी दे देती है - जैसा कि अपेक्षित है। उन्हें उम्मीद है कि वह जीतेंगी और शपथ लेंगी।
मार्क मीडोज ने कहा कि 'बैरेट की जीत सुप्रीम कोर्ट में 6-3 से रूढ़िवादी बहुमत को मजबूत करेगा। रिपब्लिकन के लिए यह एक बड़ी जीत है, जिससे दशकों तक उच्च न्यायालय द्वारा किए गए फैसलों पर प्रभाव पड़ेगा। उन्हें उम्मीद है कि एमी एक जज के रूप में सुप्रीम कोर्ट जल्द ज्वाइन करेंगी और वह अगले सप्ताह होने वाले चुनावों से संबंधित कई महत्वपूर्ण याचिकाओं पर न्यायिक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।'
कौन हैं एमी
एमी को अच्छा लेखक भी माना जाता है। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने दलीलें दी है। बैरेट को रूढ़िवादी विचारों का माना जाता है। लोगों का मानना है कि एमी के सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त होने से अमेरिका में गर्भपात कानून में बदलाव की मांग वाले आंदोलन पर फर्क पड़ सकता है। वहीं बैरेट की आजीवन नियुक्ति से आने वाले दशकों के लिए नौ सदस्यीय अदालत में वैचारिक तौर पर रूढ़िवादी बहुमत को मजबूती मिलेगी।
बता दें कि अमेरिका में जजों की नियुक्ति लाइफटाइम के लिए होती है और अन्य कोर्ट से अलग यहां के जजों का कोई रिटायरमेंट उम्र भी नहीं होता। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में नौ जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त यदि इनकी राय 4-4 में विभाजित हो जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बैरेट को नामित करते वक्त पिछले महीने कहा था कि "अगर पुष्टि की जाती है, तो जस्टिस बैरेट अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सेवा देने वाली ऐसी पहली मां के रूप में इतिहास बनाएंगी, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं।'