अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की

अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के फैसले के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने गुरुवार अफगानिस्तान की अघोषित यात्रा की

Update: 2021-04-15 13:31 GMT

अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के फैसले के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने गुरुवार अफगानिस्तान की अघोषित यात्रा की. माना जा रहा है कि अमेरिका ने सबसे लंबे समय तक चलने वाले युद्ध को खत्म करने और सभी सैनिकों को वापस बुलाने के राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले से अफगानिस्तान को अवगत कराने आए थे.

ब्लिंकन अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी, मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और अन्य अधिकारियों के साथ मुलाकात कर रहे हैं. एक दिन पहले ही बाइडन ने घोषणा की थी कि अफगानिस्तान में शेष 2,500 अमेरिकी सैनिकों की 11 सितंबर को आतंकवादी हमलों की 20वीं बरसी तक वापसी हो जाएगी. नाटो ने भी कहा है कि अफगानिस्तान में उसके करीब 7,000 गैर-अमेरिकी सैनिक कुछ महीनों के भीतर वापस आ जाएंगे. इसके साथ ही अफगानिस्तान में विदेशी सेना की उपस्थिति समाप्त हो जाएगी. ब्लिंकन ब्रसेल्स से काबुल पहुंचे. ब्रसेल्स में उन्होंने नाटो अधिकारियों के साथ इस संबंध में चर्चा की. नाटो प्रमुख जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने घोषणा की कि गठबंधन भी अफगानिस्तान से बाहर हो जाएगा.
सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले पर चीन ने जताई चिंता
अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को सितंबर तक वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले को लेकर चीन ने गुरुवार को चिंता प्रकट की. चीन ने कहा कि अमेरिका को अफगानिस्तान में आतंकवादी ताकतों को अव्यवस्था का फायदा उठाने से रोकने के लिए क्षेत्र के देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए. बीजिंग ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को हटाए जाने के कदम को चीन द्वारा पैदा किए गए खतरों से जोड़े जाने को लेकर भी वॉशिंगटन की आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई दोनों देशों सहित सभी पक्षों के साझा हित में है.
अफगानिस्तान में स्थिति अभी भी जटिल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां प्रेस वार्ता में अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की वॉशिंगटन की योजना से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'अफगानिस्तान की मौजूदा स्थित अब भी जटिल और नाजुक है तथा आतंकवाद की समस्या हल होने से कोसों दूर है.' उन्होंने कहा, 'अफगानिस्तान में तैनात विदेशी सैनिकों को जिम्मेदाराना और व्यवस्थित तरीके से वापस बुलाया जाना चाहिए, ताकि अफगानिस्तान में स्थानीय बलों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सुगमता से हस्तांतरित की जा सके और आतंकवादी ताकतों को अव्यवस्था का फायदा उठाने से रोका जा सके.'


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