अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा - बहुत कम समय देकर रूस कर सकता है यूक्रेन पर हमला, ब्रिटेन ने हजारों एंटी टैंक मिसाइलें भेजी
यूक्रेन पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि रूस जिस तरह से तैयारी कर रहा है उससे लगता है कि वह घोषणा के बाद बहुत कम समय में युद्ध छेड़ देगा।
यूक्रेन पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि रूस जिस तरह से तैयारी कर रहा है उससे लगता है कि वह घोषणा के बाद बहुत कम समय में युद्ध छेड़ देगा। समर्थन का पैगाम लेकर कीव पहुंचे ब्लिंकन ने बढ़ रहे तनाव पर राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से वार्ता की है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को जिनेवा में ब्लिंकन की रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से महत्वपूर्ण वार्ता होगी। इस बीच ब्रिटेन ने युद्ध छिड़ने पर इस्तेमाल के लिए हजारों एंटी टैंक मिसाइलें यूक्रेन भेजी हैं। जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सारे दुराग्रह त्यागकर यूरोपीय यूनियन (ईयू) से रूस के साथ बात करने की आवश्यता जताई है। कहा है कि बातचीत के जरिये यूक्रेन मसले का समाधान निकलना चाहिए।
मैक्रों का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ईयू के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति हैं और फ्रांस को हाल ही में छह महीने के लिए ईयू की अध्यक्षता मिली है। कीव स्थित अमेरिकी दूतावास में राजनयिकों को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने कहा, यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों की तैनाती न भड़काने के लिए है और न अन्य किसी कारण से। वह इसलिए है कि रूस युद्ध की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दे। विदित हो कि रूस ने बेलारूस में भी अपनी सैन्य टुकडि़यां भेज दी हैं। इसके लिए उसने बेलारूस की सेना के साथ सैन्य अभ्यास को कारण बताया है। लेकिन मित्र देश बेलारूस में सैन्य मौजूदगी के चलते रूस यूक्रेन पर तीन तरफ से हमला करने में सक्षम हो जाएगा।
अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा करने के आठ साल बाद रूस एक बार फिर पड़ोसी देश को धमका रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन इस तरह की चर्चाओं और आरोपों को नकारते हुए रूसी राष्ट्रपति के क्रेमलिन कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि पश्चिमी देश यूक्रेन में हथियार और लड़ाकू विमान भेजकर क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहे हैं।
ये है रूस और यूक्रेन के तनाव का कारण
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव इसलिए बढ़ा है क्योंकि यूक्रेन को अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। इसे रूस अपने लिए खतरा मानता है। यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के बाद नाटो की मिसाइलें रूस की सीमा के नजदीक तैनात हो जाएंगी। रूस का जोर है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल न किया जाए लेकिन अमेरिका इस बारे में उसे कोई आश्वासन नहीं दिया।