रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने कीव में अपने दूतावास का संचालन फिर से शुरू किया, विदेश मंत्री ब्लिंकन बोले- हम यूक्रेनियों के साथ गर्व से खड़े हैं

रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने कीव में अपने दूतावास का संचालन फिर से शुरू कर दिया है.

Update: 2022-05-19 01:23 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने कीव में अपने दूतावास का संचालन फिर से शुरू कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US State Secretary Antony Blinken) ने बुधवार को इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा, 'हमने यूक्रेन की राजधानी में आधिकारिक तौर पर दूतावास संचालन फिर से शुरू कर दिया है. हम यहां कि सरकार और यूक्रेन के लोगों के साथ गर्व से खड़े हैं क्योंकि वे पुतिन के क्रूर आक्रमण से अपने देश की बहादुरी से रक्षा करते हैं.' बता दें कि इससे पहले भारत ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास 17 मई से राजधानी कीव में काम करना शुरू कर देगा. मार्च के बाद से भारतीय दूतावास अस्थायी तौर पर पोलैंड के वारसा से काम कर रहा था.

विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था, 'यूक्रेन में भारतीय दूतावास 17 मई से राजधानी कीव में काम करना शुरू कर देगा जो अस्थायी तौर पर वारसा (पोलैंड) से परिचालित हो रहा था.' मंत्रालय ने कहा कि दूतावास 13 मार्च से अस्थायी तौर पर वारसा स्थानांतरित कर दिया गया था. कीव में दूतावास का परिचालन फिर से शुरू करने का निर्णय कई पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन की राजधानी में अपना मिशन दोबारा खोलने के फैसले के बीच आया है.

जर्मनी ने भी शुरू किया कामकाज
यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के बाद युद्धग्रस्त देश में तेजी से खराब होते हालात के मद्देनजर भारत ने कीव से दूतावास को पोलैंड स्थानांतरित करने का निर्णय किया था. भारत से पहले जर्मनी ने यूक्रेन में अपने दूतावास का संचालन शुरू कर दिया था. 10 मई को जर्मनी की कैबिनेट के सदस्य बेयरबॉक ने यूक्रेन का दौरा किया था. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने बूचा और इपिन शहर का दौरा किया था. जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन पहुंचने वाले वह पहले जर्मन कैबिनेट सदस्य थे.
84 दिनों से चल रहा है युद्ध
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 84 दिनों से जंग जारी है. इस युद्ध में यूक्रेन के कई शहर बर्बाद हो गए. करीब 60 लाख लोग देश छोड़कर भाग गए. बावजूद इसके रूस यूक्रेन पर हमला करना जारी रखा है. बीच में दोनों देशों के बीच युद्धविराम को लेकर करीब पांच दौर की वार्ता भी चली लेकिन इससे कुछ खास निकलकर सामने नहीं आया. बहरहाल, दोनों देशों के बीच यह युद्ध कब तक चलेगा, यह कहना मुश्किल है.
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