अमेरिका ने UNSC में भारत को स्थायी सदस्यता का समर्थन फिर दोहराया

Update: 2023-06-25 13:26 GMT
वॉशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ जुड़ाव जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG ) में भी भारत की सदस्यता के लिए अपना समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में भारत के महत्वपूर्ण योगदान, बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता और सुरक्षा परिषद सुधारों पर अंतरसरकारी वार्ता प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी को देखते हुए बाइडन ने समर्थन को दोहराया है।
उन्होंने साल 2028-2029 के लिए UNSC के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया है। भारत और अमेरिका द्वारा जारी संयुक्त बयान में, दोनों देशों ने बहुपक्षीय प्रणाली को एकतरफा नष्ट करने के किसी भी प्रयास का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी, दोनों तरह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है।
इसी संदर्भ में भारत और अमेरिका द्वारा जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष व्यापक संयुक्त राष्ट्र सुधार एजेंडे के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं, संस्था को और अधिक समावेशी बनाया जाना चाहिए ताकि वह आज की दुनिया की जरूरतों को अच्छे तरीको से पूरा कर सके। इस विचार को साझा करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपान समर्थन दोहराया है। बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने वैश्विक डीकार्बोनाइजेशन प्रयासों में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने भारत में छह परमाणु रिएक्टरों के निर्माण के लिए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) और वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी (डब्ल्यूईसी) के बीच चल रही बातचीत का भी उल्लेख किया।
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