अमेरिकी सांसद: भारत, चीन व रूस ने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी में काफी तरक्की की

अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा है कि उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अब अमेरिका उतना प्रभावशाली नहीं रहा है।

Update: 2022-03-25 02:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका के एक शीर्ष सांसद ने कहा है कि उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अब अमेरिका उतना प्रभावशाली नहीं रहा है। जबकि भारत, चीन और रूस ने 'हाइपरसोनिक' प्रौद्योगिकी में काफी तरक्की कर ली है।

अमेरिकी सीनेट की हथियार सेवा समिति के अध्यक्ष जैक रीड ने एक नामांकन की पुष्टि के लिए हो रही बहस में कहा कि अमेरिका ऐसी स्थिति में हैं जहां हम तकनीक संबंधी सुधार कर रहे हैं।
जैक रीड ने कहा, कभी तकनीक के क्षेत्र में हमारा वर्चस्व हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। 'हाइपरसोनिक' प्रौद्योगिकी में स्पष्ट रूप से भारत, चीन और रूस ने काफी विकास कर लिया है। इसके बाद, डॉ. विलियम लैपलेंट ने उनसे पूछा कि रक्षा अवर मंत्री बनने के बाद वह इन मुद्दों से कैसे निपटेंगे?
तो रीड ने कहा, हम विश्व के इतिहास में पहली बार त्रिपक्षीय परमाणु प्रतियोगिता का सामना करने वाले है। अब यह द्विपक्षीय नहीं है। मुकाबला अब सोवियत संघ और अमेरिका के बीच नहीं है, बल्कि चीन, रूस और अमेरिका के बीच है।
लैपलेंट ने कहा, वह उम्मीद करते हैं कि हथियार प्रणालियों की मुख्यधारा में आने के लिए तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा, जिन नई तकनीकों के बारे में आपने बात की, इस दिशा में पिछले कई वर्षों में हमने कई कदम उठाए हैं। मुझे लगता है कि यह बेहद अच्छा है।
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