अमेरिकी बलों ने सोमालिया में अल-शबाब चरमपंथी समूह के खिलाफ, एक हफ्ते में दूसरी बार किया हवाई हमला

अमेरिकी बलों ने सोमालिया में अल-शबाब चरमपंथी समूह के खिलाफ इस हफ्ते शुक्रवार को दूसरी बार हवाई हमला किया.

Update: 2021-07-24 05:22 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिकी बलों (US forces) ने सोमालिया (Somalia) में अल-शबाब चरमपंथी समूह (al-Shabab extremist group) के खिलाफ इस हफ्ते शुक्रवार को दूसरी बार हवाई हमला (Airstrike) किया. इससे पहले मंगलवार को किया गया हमला, राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के जनवरी में पद संभालने के बाद से पहला ऐसा हमला था. पेंटागन (Pentagon) ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि यह हमला सोमाली साझेदार बलों के समर्थन में किया गया और इसलिए सैन्य बल के प्रयोग के लिए मौजूदा कांग्रेस के प्राधिकरण के तहत अनुमति दी गई थी.

पेंटागन की प्रवक्ता सिंडी किंग ने कहा कि हवाई हमले सोमाली सरकार (Somali government) के साथ समन्वय कर किए गए थे. ये हमले मध्य सोमालिया के गालमुदुग (Galmudug) इलाके में केयसाद (Qeycad) क्षेत्र के आस-पास किया गया था. उन्होंने कहा कि अभियान की सुरक्षा के लिहाज से और ब्योरे जारी नहीं किए जा सकते. बता दें कि अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सोमालिया से अपने ज्यादातर सैनिकों को हटा लिया था. जहां उन्हें आस-पास के देशों में भेज दिया गया था. ताकि वे दूर से सोमाली बलों को सलाह दे सकते हैं. इसके अलावा, अल-कायदा आतंकवादी नेटवर्क से संबद्ध संगठन अल-शबाब के खिलाफ बल की मदद कर सकते हैं.

सोमालिया में इस्लामिक शरिया कानून लाना चाहता है अल-शबाब
इससे पहले, अमेरिका ने मंगलवार को अल-शबाब के आतंकियों पर एयरस्ट्राइक की थी. अल-कायदा (Al Qaeda) आतंकवादी नेटवर्क से संबद्ध संगठन अल-शबाब सोमालिया की सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है. अल-शबाब की मंशा सोमालिया में इस्लामिक शरिया कानून (Islamic sharia law) स्थापित करने की है. एक बयान में पेंटागन ने कहा था कि ये हवाई हमला गालकायो इलाके में किया गया था. अमेरिका ने लगातार ही सोमालिया में अल-शबाब के खिलाफ हवाई हमला किया गया है. अल-शबाब ने बमबारी और बंदूक हमलों के जरिए सोमालिया और अन्य क्षेत्रीय देशों में सैन्य ठिकानों और नागरिक ढांचों को निशाना बनाया है.

कैसे हुआ अल-शबाब का जन्म?
आतंकी संगठन अल-शबाब का जन्म 2006 में हुआ. मोगादिशू शहर यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स के कब्जे में था, जो कि शरिया अदालतों का एक संगठन था. इसका मुखिया शरीफ शेख अहमद था. 2006 में इथियोपिया की सेना ने इस संगठन को हरा दिया और अल-शबाब का जन्म हुआ. अल-शबाब यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स की ही एक कट्टरपंथी शाखा है. अल-शबाब का एकमात्र मकसद 2017 में बनी सोमालिया सरकार को जड़ से उखाड़ना है. अल-शबाब सऊदी अरब के 'वहाबी इस्लाम' को मानता है, जो कि इस्लाम का सबसे कट्टर स्वरूप है. वहीं मुस्लिम बहुल देश सोमालिया में ज्यादातर लोग सूफी पंथ में आस्था रखते है यानी कि वो नरमपंथी हैं.


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