काबुल में US दूत खलीलजाद का इस्तीफा, तालिबान से 'दोस्ती' का लगा आरोप

अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की तरफ से नियुक्त किए दूत, जलमय खलीलजाद ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

Update: 2021-10-19 05:26 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगान शांति प्रक्रिया में अमेरिका की तरफ से नियुक्त किए दूत, जलमय खलीलजाद ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ब्लिंकन ने यह जानकारी दी है। ब्लिंकन को दिए अपने पत्र में खलीलज़ाद ने कहा कि अफगानिस्तान की नई नीति के दौरान वह अलग हटना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि अफगान सरकार और तालिाबन के बीच राजनीतिक व्यवस्था कल्पना के मुताबिक पूरी नहीं हो पाई है। खलीलजाद पर कई अधिकारियों ने तालिबान से दोस्ती का आरोप लगाया है। कई अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि खलीलजाद अमेरिका की राजनयिक विफलताओं का सबसे बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने अफगान सरकार को कमजोर किया और अमेरिकी सरकार में विभिन्न दृष्टिकोणों को सुनने में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई।

खलीलजाद की जगह अब थॉमस वेस्ट को नियुक्त किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने बयान में इस बात की घोषणा की है। ब्लिंकन ने खलीलज़ाद को उनकी "दशकों की सेवा" के लिए भी धन्यवाद दिया। ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा, जाल्मय खलीलजाद ने अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया है, मैं अमेरिकी लोगों की तरफ से उनका धन्यवाद करता हूं।"
खलीलजाद ही वह व्यक्ति था जिसने कतर में तालिबान के साथ बातचीत का नेतृत्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप इस्लामिक समूह और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मई 2021 तक अमेरिकी सैनिकों को पूरी तरह से वापस लेने के लिए दोहा समझौता हुआ। लेकिन शांति वार्ता के दौरान तालिबान पर पर्याप्त दबाव नहीं डालने के लिए उनकी आलोचना की गई।
वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि खलीलज़ाद तीन साल अपनी भूमिका में रहे हैं, वह हाल में अमेरिका की सबसे बड़ी राजनयिक विफलताओं में से एक हैं। नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अनुभवी अमेरिकी राजनयिक ने आतंकवादी समूह से फायदा उठाना छोड़ दिया था, उन्होंने लगातार अफगान सरकार को कमजोर किया और अमेरिकी सरकार में विभिन्न दृष्टिकोणों को सुनने में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई।
कुछ अधिकारियों, सांसदों और विदेश नीति विशेषज्ञों ने कहा कि वह तालिबान के साथ संबंध रखने वाले कुछ अमेरिकी राजनयिकों में से एक हैं और सीधे तौर पर सिर्फ ट्रंप और बाइडन के आदेशों का पालन कर रहे थे जिसमें कहा था कि सभी अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला जाए।


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