अमेरिकी रक्षा विभाग ने किया ये दावा, चीन दुनियाभर में अपने सैन्य ठिकानों का कर रहा निर्माण
ये बंदरगाह अल दफरा एयर बेस और जेबेल अली दोनों के पास है।
चीन दुनियाभर में अपने सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है या फिर ऐसी कोशिशें कर रहा है, अमेरिकी रक्षा विभाग ने ये दावा किया है। हालांकि, अभी तक एक ही सैन्य ठिकाने की पुष्टि की गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि चीन अपनी नौसेना, वायुसेना, थलसेना की मदद के लिए अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि चीन अपनी सेनाओं की मदद के लिए पहले से ही अतिरिक्त सैन्य ठिकानों और रसद सुविधाओं को देने की योजना बना रहा है।
बता दें कि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) दुनिया की सबसे बड़ी सेना है. पीएलए में करीब 20 लाख सैन्यकर्मी हैं। शी चिनफिंग के सत्ता संभालने के बाद चीनी सेना और आक्रामक हुई है. साथ में इसकी महत्वाकांक्षाएं भी बढ़ी हैं।
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स में संभावित चीनी सैन्य ठिकानों के लिए इक्वेटोरियल गिनी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर फोकस किया है। दिसंबर की शुरुआत में मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि चीन इक्वेटोरियल गिनी में अपना पहला सैन्य अड्डा बनाने की कोशिश कर रहा है। कहा जा रहा है कि चीनी निर्मित वाणिज्यिक बंदरगाह बाटा में भी सैन्य अड्डा बनाने की कोशिशें की जा रही हैं।
अमेरिकी सेना के अफ्रीका कमांड के कमांडर जनरल स्टीफन टाउनसेंड ने अप्रैल में कहा था कि चीन से सबसे बड़ा खतरा अफ्रीका के अटलांटिक तट पर उसकी नौसेना सुविधाओं से होगा। उन्होंने कहा था, "मैं एक बंदरगाह के बारे में बात कर रहा हूं जहां वे हथियारों के साथ फिर से हमला कर सकते हैं और नौसेना के जहाजों की मरम्मत कर सकते हैं।"
चीन को रोकना पड़ा था निर्माण कार्य
इससे पहले अमेरिका से चेतावनी मिलने के बाद अबूधाबी से 80 किमी उत्तर में स्थित खलीफा के कार्गो बंदरगाह पर निर्माण कार्य रोकना पड़ा था। चीन पर आरोप लगा था कि यूएई को बिना बताए वहां, गुप्त तरीके से सेना के लिए ठिकाने बनाए जा रहे हैं। साल 2018 में यूएई और चीन के बीच COSCO शिपिंग पोर्ट अबूधाबी टर्मिनल को अपग्रेड करने के लिए डील हुई थी। ये बंदरगाह अल दफरा एयर बेस और जेबेल अली दोनों के पास है।