अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के हमले की निंदा की, बताया- मिंस्क समझौते का उल्लंघन

कीव में अमेरिकी दूतावास ने रूस द्वारा किए गए गोलाबारी की निंदा की और इसे मिंस्क समझौते का उल्लंघन बताया।

Update: 2022-02-18 00:45 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कीव (Kyiv) में अमेरिकी दूतावास (US Embassy) ने रूस (Russia) द्वारा किए गए गोलाबारी की निंदा की और इसे मिंस्क समझौते (Minsk Agreement) का उल्लंघन बताया। दूतावास के अनुसार यूक्रेन (Ukraine) नियंत्रित डोनबास (Donbas) के इलाके में स्थित स्टैनित्सिया लुहान्सका (Stanytsia Luhanska) में रूस द्वारा किए गए हमले में एक किंडरगार्टन (Kindergarten) क्षतिग्रस्त हो गया और दो टीचर जख्मी हो गए। वहां का पावर सप्लाई भी प्रभावित हुआ है।

Russia's shelling of Stanytsia Luhanska in Ukrainian govt-controlled territory in Donbas hit a kindergarten, injured 2 teachers, & knocked out power in the village...This attack, as with so many others, is a heinous Russian violation of Minsk Agreements..: US Embassy, Kyiv pic.twitter.com/
यूक्रेन की सेना व रूसी समर्थक विद्रोहियों के बीच संघर्ष को खत्म करने के मकसद से साल 2014 और 2015 में बेलारूस की राजधानी मिंस्क में समझौता हुआ। 2014 की डील को मिंस्क समझौताI और 2015 की डील को मिंस्क समझौता II कहा गया। बता दें कि ये दोनों समझौते कभी भी पूरी तरह लागू नहीं हुए लेकिन यूरोपीय देश इसे बहाल करने की पूरी कोशिश में जुटे रहे ताकि शांति बरकरार रहे।
2014 का समझौता
2014 में यूक्रेन से रूस के समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को विरोध के बाद देश छोड़ना पड़ा और इसके बाद रूसी समर्थक विद्रोहियों ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया और 18 मार्च 2014 को इसने क्रीमिया को अपने देश में मिला लिया। इसके बाद भी दोनों देशों के बीच जंग जारी रही जिसमें बीच बचाव के लिए यूरोपीय देश आए और 2014 के सितंबर में 12 मुद्दों पर सहमति के साथ मिंस्क में समझौता हुआ जिसमें कैदियों की रिहाई और हथियारों की वापसी भी शामिल थी। दोनों देश इस समझौते के साथ अधिक दिन तक नहीं रहे और इसका उल्लंघन कर दिया।
2015 का मिंस्क समझौता
साल 2015 की फरवरी में 13 मुद्दों वाले समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें युद्ध विराम, हथियारों की वापसी, यूक्रेन के कानून के अनुसार डोनेत्सक व लुहंस्क में अंतरिम सरकार का गठन होगा। लड़ाकों को माफी मिलेगी, बंधकों व कैदियों का आदान प्रदान होगा, दोनों देश एकदूसरे की मानवीय सहायता करेंगे, सामाजिक आर्थिक संबंधों को बहाल किया जाएगा, विदेशी सैनिकों व हथियारों की वापसी होगी, सुधारा जाएगा यूक्रेन का संविधान, साथ मिलकर काम करेंगे दोनों देश और ओएससीइ के प्रतिनिधि। लेकिन ये सब अब तक लागू नहीं हो पाया है।
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