श्रीलंका में पीटीए के तहत कार्रवाई पर अमेरिका, कनाडा और ईयू ने चिंता जताई, बताया 'मानवाधिकार के खिलाफ'

श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर आतंकवाद निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने पर अमेरिका, कनाडा समेत यूरोपीय संघ ने चिंता जताते हुए इसे मानवाधिकार के विरुद्ध बताया है।

Update: 2022-08-24 01:49 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर आतंकवाद निवारण अधिनियम (पीटीए) के तहत कार्रवाई करने पर अमेरिका, कनाडा समेत यूरोपीय संघ ने चिंता जताते हुए इसे मानवाधिकार के विरुद्ध बताया है। द्वीपीय देश में जरूरी चीजों की भारी किल्लत से आजिज आकर जनता ने सरकार के विरुद्ध जोरदार आंदोलन किया था, जिससे राष्ट्रपति गोटाबाया को 13 जुलाई को देश छोड़कर भागना पड़ा था।

कोलंबो गजट की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका के रक्षा मंत्री व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने इंटर-यूनिवर्सिटी स्टूडेंट फेडरेशन के संयोजक वसंत मुदलिगे, प्रदर्शनकारी हसंता जीवंता गुनाथिलके और सम्मानित गलवेवा श्रीधम्म थेरा को पीटीए के तहत 90 दिनों के लिए हिरासत में लेने को मंजूरी दे दी। तीनों को श्रीलंका पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया।
इस पर श्रीलंका में अमेरिका के राजदूत जुली चुंग ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीलंका जैसे लोकतांत्रिक देश में पीटीए जैसे कानून के तहत कार्रवाई करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के मानक के खिलाफ है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने भी श्रीलंका सरकार को पीटीए पर रोक को लेकर उसकी प्रतिबद्धता की याद दिलाई है।
कनाडा के श्रीलंका में उच्चायुक्त डेविड मैकिनन ने भी श्रीलंका सरकार को पीटीए के तहत कार्रवाई पर विचार करने को कहा है। इसके बाद श्रीलंका ने एलान किया कि वह जल्द ही पीटीए की जगह नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाएगा।
कैबिनेट प्रवक्ता और मंत्री बंडुला गुणवर्धना ने संवाददाताओं से कहा, पीटीए वर्ष 1979 से है। न्याय मंत्री ने कैबिनेट को सूचित किया कि इसके अवांछित हिस्सों को हटाकर एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून बनाया जाएगा।
खाद्य पदार्थो की महंगाई में दुनिया में पांचवें स्थान पर श्रीलंका- विश्व बैंक
खाद्य पदार्थो की महंगाई के मामले में श्रीलंका दुनिया के टाप 10 देशों में शामिल है। विश्व बैंक के ताजा आंकलन के अनुसार श्रीलंका इस क्रम में पांचवें स्थान पर है। यूक्रेन युद्ध के चलते भी खाद्य संकट गहराया। श्रीलंका में खाद्य पदार्थो की महंगाई 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
सितंबर की शुरुआत में आ सकते हैं गोटाबाया
रायटर्स के अनुसार, देश छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे सितंबर की शुरुआत में वापस आ सकते हैं। वह इस समय वह थाइलैंड में हैं, जहां ठहरने का खर्च काफी आ रहा है।
मानवाधिकार आयोग ने की राजपक्षे परिवार की सुरक्षा की मांग
पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे की लौटने की अटकलों के बीच श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे से गोटाबाया राजपक्षे और उनके परिवार को संविधान के तहत उचित सुरक्षा मुहैया कराने का अनुरोध किया है। आयोग ने सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें परिवार की सुरक्षा को लेकर बहुत सारी शिकायतें मिली हैं।
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