रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका-अल्बेनिया ने की इमरजेंसी UNSC मीटिंग की मांग, प्रस्ताव पास करने के लिए अब 9 देशों के समर्थन की
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से संकट जारी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine Crisis) की वजह से संकट जारी है. इस संकट के बीच अमेरिका (America) और अल्बेनिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से एक इमरजेंसी मीटिंग कराने का अनुरोध किया है. यह मीटिंग आज दोपहर तीन बजे प्रस्तावित है, जहां यूएन के 15 सदस्य देशों में से केवल नौ को बैठक में प्रस्ताव पारित करने के लिए उसके पक्ष में मतदान करने की जरूरत होगी. शुक्रवार को यूएनएससी में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था. इस प्रस्ताव में रूस के खिलाफ 11 वोट पड़े, जबकि भारत और चीन समेत तीन देश मतदान से दूर रहे.
शायद ही कभी इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया के तहत पांच स्थायी सदस्यों में से किसी को भी सोमवार को विशेष सत्र बुलाने के लिए वीटो का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसमें रूस का नाम भी शामिल है. एक राजनयिक ने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया कि महासभा के विशेष सत्र का लक्ष्य रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष और रूस के 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन' पर संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों को एक स्थिति लेने के लिए मजबूर करना होगा, साथ ही युद्ध की औपचारिक रूप से निंदा करना भी होगा.
'100 से अधिक सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान होगा'
यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों की निंदा करने वाला अमेरिका और अल्बानिया द्वारा लिखा गया प्रस्ताव शुक्रवार को सुरक्षा परिषद में विफल रहा था, क्योंकि रूस ने अपना स्थायी सदस्य वीटो-पावर लागू किया था. महासभा को विशेष सत्र के दौरान इसी तरह के प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए कहा जाएगा. कई राजनयिकों ने एएफपी को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र के 100 से अधिक सदस्यों के बहुमत से प्रस्ताव के पक्ष में मतदान होगा. महासभा के मतदान में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से किसी के पास वीटो पावर नहीं है.
यूक्रेन पर आक्रमण करने के फैसले पर कई देशों ने जताई आपत्ति
यूरोपीय यूनियन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की संपत्तियां फ्रीज करने के निर्णय पर सहमति के बेहद करीब है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह के कदम से वे कितनी बुरी तरह प्रभावित होंगे या फिर यह केवल प्रतीकात्मक होगा. पुतिन और लावरोव की संपत्ति को फ्रीज करने का निर्णय इंगित करता है कि पश्चिमी देश पुतिन को रूस के पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमले और यूरोप में एक बड़े युद्ध को शुरू करने से रोकने के लिए अभूतपूर्व उपायों की ओर बढ़ रहे हैं. रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था, जिसपर विभिन्न देशों के नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने का सिलसिला अब भी जारी है. कई देशों ने रूस की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबियों समेत विभिन्न नेताओं को सबक सिखाने की बात कही है.