संयुक्त राष्ट्र ने पेश की निराशाजनक रिपोट, 2030 तक कार्बन उत्सर्जन सिर्फ एक फीसद ही होगा कम
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण पर आई ताजा रिपोर्ट के अनुसार तमाम मौकों पर चेतावनी देने के बावजूद 2030 में 2010 की तुलना में कार्बन उत्सर्जन सिर्फ एक फीसद ही कम होगा।
संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण पर आई ताजा रिपोर्ट के अनुसार तमाम मौकों पर चेतावनी देने के बावजूद 2030 में 2010 की तुलना में कार्बन उत्सर्जन सिर्फ एक फीसद ही कम होगा। यह रिपोर्ट शुक्रवार को सार्वजनिक हुई है। इसमें प्रदूषण के दुष्प्रभावों का आकलन किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस समझौते से जुड़े देश अगर भविष्य के खतरों को समझ रहे हैं तो उन्हें कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। पेरिस समझौते के पांच साल से ज्यादा हो चुके है लेकिन उसको लेकर अभी कुछ खास नहीं हो सका है। कार्बन उत्सर्जन कम करने और धरती का तापमान नियंत्रित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले 2015 में यह समझौता हुआ था। इसके संकल्प पत्र पर भारत समेत दुनिया के करीब 200 देशों ने दस्तखत किए थे। इसके अनुसार इस सदी के अंत तक धरती का तापमान कम करके 1.5 डिग्री सेल्सियस पर लाना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आवश्यकता है कि संकल्प लेने वाले सभी देश पर्यावरण सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाकर दोगुना करें। इस सिलसिले में हमें पर्यावरण सुधार को राजनीतिक मुद्दों में शामिल करना होगा। जागरूकता पैदा करनी होगी। संयुक्त राष्ट्र की मौसम से संबंधित मामलों की कार्यकारी निदेशक पैट्रिसिया एस्पिनोसा ने कहा, देशों को शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर चलना होगा, तभी वे बिगड़ते हालात पर काबू पाने में सफल होंगे।