यूएन के अफसर बड़े इनामी आतंकी के साथ दिखे

Update: 2021-09-17 04:50 GMT

नई दिल्ली (ए.)। आज एक न्यूज़ चैनल में दिखाई गई तस्वीर की वजह से दुनिया की सबसे बड़ी संस्था यानी संयुक्त राष्ट्र सवालों के घेरे में आ गई है। एक न्यूज़ चैनल में दिखाई गई तस्वीर की वजह से दुनिया के ताकतवर मुल्कों पर उंगली उठ रही है। कटघरे में वो देश भी हैं, जो आतंकवाद पर बड़ी बड़ी बातें करते हैं, आतंक के खिलाफ इंटनैशनल जंग की वकालत करते हैं लेकिन आज हम आपको जो तस्वीर दिखाने जा रहे हैं। उसे देखकर आप भी ये सवाल करेंगे कि आतंक के खिलाफ कुछ देशों की लड़ाई क्या एक दिखावा है। फिर आतंक की परिभाषा को नफे और नुकसान के हिसाब से तय किया जा रहा है। एक न्यूज़ चैनल दिखाई गई तस्वीर अफगानिस्तान से आई है। जहां तालिबान को सत्ता में आए अभी सिर्फ एक महीने ही पूरे हुए है लेकिन कलह इस कदर बढ़ गई है तालिबान के सबसे बड़े नेता मुल्ला बरादर को अपने जिंदा होने का सबूत देना पड़ रहा है।

ऐसी बेरुखी कभी नहीं देखी: इमरान खान
अफगानिस्तान में तालिबान शासन को दुनिया के देशों से मान्यता दिलाने के लिए पाकिस्तान भरसक कोशिश कर रहा है। सीएनएन से बात करते हुए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए तालिबान के साथ जुडऩा सबसे सही तरीका है। अमेरिका-पकिस्तान संबंधों को लेकर उन्होंने कहा है कि ऐसी बेरुखी कभी नहीं देखी। इमरान खान ने कहा है कि तालिबान का पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण है। अगर तालिबान सभी गुटों को साथ लेकर समावेशी दृष्टिकोण से चलता है तो अफगानिस्तान में 40 सालों के बाद शांति संभव है। उन्होंने अफगानिस्तान के महिलाओं के मसलों को लेकर कहा है कि कोई बाहर से आकर अफगानिस्तान के महिलाओं को अधिकार नहीं दिला सकता है। अफगानिस्तान की महिलाएं मजबूत हैं। उन्हें वक्त दें। उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे। अफगानिस्तान को बाहरी ताकत नहीं नियंत्रित कर सकती है।
इमरान खान ने अमेरिका को लेकर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के हालात का सबसे अधिक नुकसान पाकिस्तान को हुआ है। हम अमेरिका के लिए किराए की बंदूक की तरह थे। हमसे उम्मीद थी कि हम अमेरिका को अफगानिस्तान युद्ध जिता दें, जो नहीं हो सका। हमने बार-बार अमेरिका से कहा है कि वह अपने सैन्य उद्देश्यों को अफगानिस्तान में पूरा नहीं कर सकता है। अमेरिका को तालिबान के साथ राजनीतिक समझौते की कोशिश करनी चाहिए थी।
किसी और के युद्ध के चलते पाकिस्तान को बर्बाद नहीं कर सकते
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से कॉल पर बातचीत नहीं होने से इमरान खान नाराज चल रहे हैं। इमरान खान ने जो बाइडन से बातचीत को लेकर कहा है कि मुझे लगता है कि वह बहुत व्यस्त चल रहे हैं लेकिन अमेरिका के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ फोन कॉल पर निर्भर नहीं है बल्कि एक बहुआयामी संबंध होना चाहिए।
अमेरिकी विदेश एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करेगा। ब्लिंकन के इस कमेंट को इमरान खान ने अज्ञानता बताया है। उन्होंने कहा है कि मैं ऐसी बेरुखी कभी नहीं देखी। इमरान खान ने कहा है कि अमेरिका को सहयोग करते हुए हजारों पाकिस्तानियों ने अपनी जान गंवाई है। सिर्फ इसलिए कि हमने अमेरिका का साथ दिया, हम 9/11 और अफगानिस्तान में युद्ध के बाद अमेरिका के साथी बन गए लेकिन किसी और के युद्ध के चलते हम पाकिस्तान को बर्बाद नहीं कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिकी और ब्रिटेन ने मिलकर बढ़ाए एक कदम, परमाणु ऊर्जा वाली पनडुब्बियों पर फोकस
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिकी और ब्रिटेन ने मिलकर एक नई साझेदारी की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं। इस नए संगठन को एयूकेयूएस नाम दिया गया है। इसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और शक्ति संतुलन बनाए रखने के साथ परमाणु ऊर्चा से चलने वाली पनडुब्बियों पर काम करना है। अफगानिस्तान में उपजे हालात के बाद इस तरह के संगठन का बनना काफी अहम माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के मुताबिक अमेरिका और ब्रिटेन की तकनीक का उपयोग करके फ्रांसीसी-डिजाइन की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए घोषणा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया तैयार है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की है।
जिसमें प्रौद्योगिकी और क्षेत्रीय चुनौतियों के सामना करने पर ध्यान दिया जाएगा। वहीं इस दौरान न्यूजीलैंड की पीएम जैसिंडा अर्डर्न का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई परमाणु पनडुब्बियों को न्यूजीलैंड के पानी से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएस के बीच एक नई बढ़ी हुई सुरक्षा साझेदारी है। यह एक ऐसी साझेदारी है जहां हमारी तकनीक, हमारे वैज्ञानिक, हमारे उद्योग और रक्षा बल सभी एक सुरक्षित और अधिक सुरक्षित क्षेत्र देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।


Tags:    

Similar News

-->