अफगान संकट पर UN ने जताई चिंता, महासचिव बोले- एक धागे पर टिका अफगानिस्तान, उसे ऐसे नहीं छोड़ सकते
अफगानिस्तान की संकटपूर्ण स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ बेहद चिंतित है और वैश्विक संगठन के प्रमुख की ओर से तालिबान से अनुरोध किया गया कि उसे महिलाओं और बच्चों के मौलिक मानवाधिकारों को बनाए रखना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) की संकटपूर्ण स्थिति को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) बेहद चिंतित है और वैश्विक संगठन के प्रमुख की ओर से तालिबान से अनुरोध किया गया कि उसे महिलाओं और बच्चों के मौलिक मानवाधिकारों को बनाए रखना चाहिए. साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय (international community) से प्रतिबंधित अफगान सहायता को फिर से जारी करने का भी अनुरोध किया ताकि वहां पर सामान खरीदने को अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर न होना पड़े.
महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी यह भी चेतावनी दी कि "अफगानिस्तान एक धागे से लटक रहा है" क्योंकि लाखों गरीब नागरिक लगातार बिगड़ती मानवीय परिस्थितियों के बीच जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, "हम तालिबान से अनुरोध करते हैं कि वे इस मौके का लाभ उठाएं और हर लड़की तथा महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को मान्यता देकर अंतरराष्ट्रीय विश्वास और सद्भावना हासिल करें."
'अंतरराष्ट्रीय बिरादरी मदद जारी करे'
उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं की मनमानी गिरफ्तारी और अपहरण की हालिया रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "मैं उनकी रिहाई के लिए दृढ़ता से अपील करता हूं." साथ ही, महासचिव ने यह भी कहा, "मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के लोगों के लिए समर्थन बढ़ाने की भी अपील करता हूं," जिसमें विश्व बैंक और अमेरिकी सरकार द्वारा रोकी गई सहायता राशि को जारी करना शामिल है.
अफगान लोगों में से आधे से अधिक "भूख के चरम स्तर" का सामना कर रहे हैं, गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र परिषद से कहा कि "कुछ परिवार तो भोजन खरीदने के लिए अपने बच्चों को बेच रहे हैं."
'अमेरिका एकतरफा प्रतिबंध हटाए'
चीन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत झांग जून (Zhang Jun) ने एक महिला के मामले का उल्लेख किया जिसने अपने परिवार को खिलाने के लिए "अपनी दो बेटियों और एक किडनी को बेच दिया". उन्होंने कहा, "यह एक मानवीय त्रासदी है," उन्होंने वाशिंगटन से "एकतरफा प्रतिबंध" हटाने और अफगान संपत्ति पर लगे बैन को कम करने का आग्रह किया.
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के दूत डेबोराह लियोन ने परिषद को वीडियो लिंक के माध्यम से बताया कि संयुक्त राष्ट्र लगातार "उन प्रतिबंधों में ढील" करने का आह्वान कर रहा है जो अर्थव्यवस्था को निचोड़ते हैं और जरुरी सेवाओं के पूर्ण वितरण को रोकते हैं.
एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों और दानदाताओं को "बढ़ी हुई तरलता के माध्यम से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को शुरू करने की जरुरत है," अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए विश्व बैंक द्वारा जारी 1.2 बिलियन डॉलर सहित कई फंड इस समय फ्रीज हैं. पिछले साल अगस्त में कट्टरपंथी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लेने के बाद से इन सभी फंडों को फ्रीज कर दिया गया है. उन्होंने चेताया कि "कार्रवाई के बिना, जीवन खो जाएगा, और निराशा और उग्रवाद बढ़ेगा,"
अफगानिस्तान के मिशन के प्रभारी नसीर अहमद फैक ने भी बैठक में जोर देते हुए कहा कि वह देश के नए शासकों द्वारा कार्रवाई की निंदा करने के लिए "अफगानिस्तान के लोगों की ओर से" बोल रहे हैं. फैक ने कहा, "मैं तालिबान से इन मानवाधिकारों के उल्लंघन को खत्म करने, उनकी सामान्य माफी का सम्मान करने, महिलाओं को काम करने तथा लड़कियों के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों के दरवाजे खोलने का आह्वान करता हूं."
हालांकि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के 6 महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है. तालिबान अधिकारियों ने हाल ही में मानवीय संकट को दूर करने के लिए नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में पश्चिमी शक्तियों के साथ बातचीत की, जिसमें पश्चिमी राजनयिकों ने मानवाधिकारों में सुधार के लिए अफगानिस्तान को मानवीय सहायता से जोड़ा.