UN चीफ आज जेलेंस्की से करेंगे मुलाकात

Update: 2022-04-28 01:11 GMT

रूस और यूक्रेन के बीच जंग को रुकवाने के लिए अब संयुक्त राष्ट्र (united nations) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने प्रयास तेज कर दिए हैं. गुटेरेस आज यूक्रेन की राजधानी कीव में हैं. वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. एक दिन पहले ही यूएन चीफ ने रूस की राजधानी मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई थी. हालांकि, लंबी चर्चा के बाद भी दोनों किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके थे. गुटेरेस के यूक्रेन दौरे को लेकर जेलेंस्की भी उत्साहित हैं. हालांकि उन्होंने गुटेरेस के यूक्रेन से पहले रूस जाने पर नाराजगी जाहिर की थी.

पुतिन और यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की शांति बहाली को लेकर मॉस्को में मुलाकात हुई. यूएन महासचिव ने पुतिन से खासतौर पर मारियुपोल की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने रूस से आग्रह किया कि वो वहां कम से कम कुछ दिनों का युद्ध विराम करे, ताकि स्टील प्लांट में फंसे नागरिक वहां से सुरक्षित जगहों पर शरण लेने जा सकें. इस पर पुतिन ने कहा कि वहां कई दिनों से कोई गोलेबारी नहीं चल रही है, लोगों को किसी जगह जाने से रोका नहीं जा रहा है. यूक्रेन ने ही अपने लोगों को बंधक बना रखा है. ताकि उनका सहारा लेकर अपनी सैन्य ताकत फिर से इकट्ठा कर सके. संयुक्त राष्ट्र के चीफ गुटेरेस रूस और यूक्रेन की यात्रा से पहले 25 अप्रैल को तुर्की पहुंचे थे. यहां उन्होंने राजधानी अंकारा में राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मुलाकात की थी. इसके बाद वे मास्को के लिए रवाना हो गए थे.

रूस और यूक्रेन की जंग में यूक्रेन की खुलकर मदद करना और रूस का कहना ना मानना यूरोप के कुछ देशों को महंगा पड़ रहा है. रूस ने बेहद सख्त कदम उठाते हुए पोलैंड और बुल्गारिया की गैस-तेल सप्लाई रोक दी है. बता दें कि पिछले महीने पुतिन ने रूस से गैस-तेल खरीदने वाले देशों से कहा था कि वे रूस की मुद्रा रूबल में भुगतान करें, लेकिन यूरोप के देशों ने पुतिन की यह बात मानने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अब पुतिन ने सख्त एक्शन लेते हुए सप्लाई रोकने का फैसला किया है. बता दें कि रूस के यूक्रेन पर हमला करने बाद पोलैंड शुरू से ही यूक्रेन का खुलकर समर्थन कर रहा है. पोलैंड ने जंग लड़ने के लिए यूक्रेन को कई हथियार भी दिए हैं. पोलैंड की सरकार ने इस सप्ताह कहा था कि वह यूक्रेन की सेना को टैंक भेज रही है. बता दें कि यूरोप में घरों को गर्म करने, बिजली बनाने और ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए बड़ी मात्रा में रूस से आने वाली प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल किया जाता है.


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