यूएई ने पाकिस्तान समेत अन्य 13 देशों के श्रमिकों पर लगाई पाबंदी, ये है बड़ी वजह
यूएई ने पाकिस्तान समेत 13 देशों के कर्मचारियों के अपने देश में काम करने पर पाबंदी कोरोना महामारी |
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| यूएई ने पाकिस्तान समेत 13 देशों के कर्मचारियों के अपने देश में काम करने पर पाबंदी कोरोना महामारी के कारण नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगाई है। इस बारे में यूएई सरकार ने 18 नवंबर को एक आदेश पारित किया है, जिसमें 13 देशों के कर्मचारियों पर काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
नए वीजा जारी करने पर रहेगी पाबंदी
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात ने अस्थाई तौर पर अफगान, पाकिस्तान और दूसरे देशों के कर्मचारियों के लिए नए वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है। प्रतिबंधित देशों की सूची में सीरिया, सोमालिया, इराक, यमन और अफगानिस्तान जैसे युद्ध ग्रस्त देश शामिल हैं। ये तुर्की और पाकिस्तान जैसेे सऊदी विरोधी गुटों के देश हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एक बयान में कहा कि यूएई ने पाकिस्तान और दूसरे देशों के कर्मचारियों के लिए नए वीजा जारी करने पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान ने कहा कि वो यूएई से इस फैसले के पीछे कारण पूछ रहा है लेकिन हमने सोचा यह कोरोना वायरस से संबंधित है।
पाक ने यूएई सरकार को घेरा
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार को इस फैसले के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी नहीं थी। इसके बाद पाकिस्तान ने यूएई सरकार को घेरना शुरू कर दिया,
क्योंकि उसे लगा कि यह फैसला विशेष तौर पर पाकिस्तान को मद्देनजर रखकर लिया गया है और कोरोना वायरस इसका मुख्य कारण नहीं है।
पाक सीनेटर बेग बोले, पाक के लिए विशेष तौर पर पाबंदी
सीनेटर अनवर बेग का कहना है कि कोरोना वायरस इस प्रतिबंध के पीछे का कारण है तो भारत को भी इस प्रतिबंधित सूची में होना चाहिए था, क्योंकि यहां दुनिया में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। काम और रोजगार के लिए वीजा रोक देना चिंताजनक स्थिति है औऱ उनका मानना है कि यह प्रतिबंध विशेष तौर पर पाकिस्तान के लिए लगा है।
अप्रैल में ही 13 हजार पाक कर्मचारियों को निकाला
वहीं यूएई सरकार ने महामारी की शुरुआत में ही पाकिस्तानी श्रमिकों और कर्मचारियों की छटाई करनी शुरू कर दी थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के मुताबिक अप्रैल 2020 की शुरुआत में यूएई ने 13,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला है।