ट्विटर (Twitter) के शेयर होल्डर्स ने मंगलवार को एलन मस्क (Elon Musk) के साथ डील को मंजूरी दे दी है. एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने का ऐलान किया था. हालांकि, ये डील रद्द हो गई थी. माना जा रहा है कि शेयर होल्डर्स के इस फैसले का असर कोर्ट कार्रवाई पर भी पड़ सकता है.
शेयर होल्डर ने मस्क के ट्विटर के हर शेयर को 54.20 अमेरिकी डॉलर के हिसाब से खरीदने के ऑफर को स्वीकार कर लिया है. हालांकि, यह कीमत ट्विटर के मौजूदा ट्रेडिंग कीमत से काफी अधिक है. अभी ट्विटर के शेयर की कीमत 42 अमेरिकी डॉलर से कम है. शेयर होल्डर का ये फैसला ऐसे वक्त पर आया, जब अमेरिका के कोर्ट में इस मामले में 17 अक्टूबर से सुनवाई होनी है. दरअसल, एलन मस्क द्वारा डील कैंसिल करने के फैसले को ट्विटर ने कोर्ट में चुनौती दी है.
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क लगातार ये कहते हुए डील से पीछे हट रहे हैं कि कंपनी के बिजनेस में समस्याएं हैं, वहीं ट्विटर इस डील को लेकर लगातार आगे बढ़ रहा है. कंपनी के मुताबिक, शेयर होल्डर्स की मंगलवार को एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान वोटिंग हुई. इसमें शेयर होल्डर्स ने डील को मंजूरी दे दी. मीटिंग के दौरान ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने भी शेयर होल्डर्स को संबोधित किया. एलन मस्क ने 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर खरीदने का ऐलान किया था. हालांकि, बाद में उन्होंने डील को कैंसिल कर दिया था. उन्होंने बताया था कि ट्विटर में स्पैम अकाउंट की संख्या को लेकर इस डील को कैंसिल कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में एलन मस्क ने नई वजह का खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि ट्विटर की ओर से व्हिसल ब्लोअर (Whistleblower) को किया गया पेमेंट इस डील से पीछे हटने की एक बड़ी वजह है.
एलन मस्क ने ट्विटर डील तोड़ने का ऐलान करते हुए कहा था कि कंपनी की ओर से स्पैम अकाउंट या फर्जी खातों की सही संख्या नहीं बताई गई, जिसके कारण वे इस सौदे को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं. मस्क के डील से कदम पीछे हटाने के बाद ट्विटर प्रबंधन ने उनके खिलाफ डेलावेयर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया.