तुर्की और पाकिस्तान की 'ग्रे' लिस्ट में आने से मुश्किलें बढ़ेंगी

आतंक के वित्तपोषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के चलते पाकिस्तान फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की निगरानी सूची बना हुआ है।

Update: 2021-11-01 03:19 GMT

आतंक के वित्तपोषण पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के चलते पाकिस्तान फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में बना हुआ है।

सिर्फ चीन व मंगोलिया हैं पाकिस्तान के समर्थन में
एफएटीएफ के अध्यक्ष डॉ. मार्कस प्लीयर पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में शामिल करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया था। पाकिस्तानी अखबार इस्लाम खबर के मुताबिक पाकिस्तान को अपना भाई बताते हुए, कट्टरपंथ, जिहाद और आतंकवाद को समर्थन देने वाले तुर्की के ग्रे लिस्ट में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को अब सिर्फ चीन और मंगोलिया का समर्थन मिल रहा है।
अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में अगर इन दोनों के अलावा पाक को किसी तीसरे देश का समर्थन नहीं मिला तो यह ब्लैक लिस्ट में चला जाएगा। ब्लैक लिस्ट में जाने से पहले से ही आर्थिक रूप से लड़खड़ाते पाकिस्तान के लिए यह बहुत भयानक सजा होगी।

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