जर्मन चांसलर को PM मोदी ने भेंट किया ये शानदार गिफ्ट, ईरान से है कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप के 3 देशों की यात्रा पर हैं. यात्रा के पहले चरण में वे सोमवार को जर्मनी का राजधानी बर्लिन पहुंचे, जहां उन्होंने जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz से मुलाकात कर दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.

Update: 2022-05-03 00:57 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) यूरोप के 3 देशों की यात्रा पर हैं. यात्रा के पहले चरण में वे सोमवार को जर्मनी का राजधानी बर्लिन पहुंचे, जहां उन्होंने जर्मनी के चांसलर Olaf Scholz से मुलाकात कर दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.

जर्मन चांसलर को दिया पारसी हस्तशिल्प
जर्मन चांसलर Olaf Scholz से मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें भारत की ओर से सेदाली (Sedali) नाम का तोहफा दिया. सेदाली गुजरात के सूरत में पारसी समुदाय की ओर से बनाया गया लकड़ी का हस्तशिल्प है. इस हस्तशिल्प को बनाने के लिए हाई स्किल तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें लकड़ी पर ज्योमेट्रिक पैटर्न का निर्माण भी शामिल है.
लकड़ी पर की जाती है शानदार चित्रकारी
इस हैंडीक्राफ्ट के निर्माण में लकड़ी पर सूक्ष्म चित्रकारी की जाती है. इसके बाद लकड़ी के छोटे-छोटे पतले टुकड़ों को ज्यामितीय परिशुद्धता के साथ काटा जाता है. इसके बाद उन टुकड़ों को प्राकृतिक लकड़ी की सपाट सतह पर लगा दिा जाता है. इन टुकड़ों को फिट करने में एक विशिष्ट विधि शामिल की जाती है. इस काम को केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जो इस हैंडीक्राफ्ट के काम में लंबे समय से शामिल रहा हो. इसके बाद विभिन्न डिजाइन जुड़ने से सेदाली हस्तशिल्प और भी शानदार बन जाता है.
ईरान से भागकर भारत आए थे पारसी
गुजरात में इस हस्तशिल्प को बनाने वाले पारसी समुदाय के लोग मूल रूप से ईरान के रहने वाले हैं. जिन्होंने अत्याचारों से तंग होकर कई शताब्दियों पहले देश छोड़कर भारत में शरण ली थी. ईरान में सेदाली की तरह का हस्तशिल्प खतम (Khatam) बनाया जाता है.
यूरोप के 3 देशों के दौरे पर हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के दौरे पर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को सबसे पहले जर्मनी की राजधानी बर्लिन पहुंचे. करीब 65 घंटे लंबे प्रधानमंत्री मोदी के यूरोप दौरे के दौरान उनके 25 कार्यक्रम प्रस्तावित हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की कुल 8 देशों के प्रमुखों से बातचीत होनी है. इसमें सारी दुनिया की निगाहें रशिया-यूक्रेन युद्ध को लेकर जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस के साथ भारत की बातचीत पर टिकी हैं.
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