इस कंपनी ने कर्मचारियों के लिए जारी किया नया फरमान

Update: 2022-10-06 08:41 GMT

मूनलाइटिंग (Moonlighting) यानी एक साथ दो जगह नौकरी करने का मुद्दा देश में गर्माया हुआ है. खासकर आईटी कंपनियां इसके विरोध में हैं और विप्रो (Wipro) इसे लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में है. मूनलाइटिंग पर लगाम लगाने की तैयारी के तहत कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अब उन्हें हफ्ते में तीन दिन ऑफिस जरूर आना होगा.

बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी दिग्गज विप्रो (Wipro) ने अपने कर्मचारियों को कहा है कि हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आना होगा. एक इंटरनल ईमेल में कहा गया है कि 10 अक्टूबर से यह नियम लागू किया जाएगा. जो एंप्लाई लीडरशिप रोल में हैं उन्हें अब तीन दिन ऑफिस में आकर ही काम करना होगा.

मेल में कहा गया कि यह नियम हमें हाइब्रिड वर्क फ्लेक्सिबिलिटी (Hybrid Work Flexibility) बनाए रखते हुए कार्यालय में काम करते हुए व्यक्तिगत रूप से जुड़ने का मौका भी देगा. इसके साथ ही कंपनी ने साफ किया है कि कार्यालय परिसर सप्ताह में चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को खुलेंगे. बुधवार को कार्यालय नहीं खोला जाएगा.

गौरतलब है कि विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने सबसे पहले मूनलाइटिंग का मुद्दा उठाते हुए अपने ट्वीट में इसे साफ धोखा करार दिया था. इसके बाद से इस पर बहस तेज हो गई और इस के बाद एक आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनियां इसके विरोध में आ गईं. विप्रो चेयरमैन (Wipro Chairman) ने भले ही एक साथ दो नौकरी करने की इस पॉलिसी का विरोध किया हो, लेकिन उन्हीं की कंपनी में एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 300 कर्मचारी मूनलाइटिंग करते हुए पाए गए.

इस मामले के बाद कंपनी के तत्काल कदम उठाते हुए मूनलाइटिंग करते पाए गए सभी कर्मचारियों को तुरंत नौकरी से निकाल दिया था. अब बैक-टू-ऑफिस पॉलिसी (Back To Office) यानी तीन दिन ऑफिस आने का यह फरमान इसी दिशा में उठाया गया कदम माना जा सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने इस साल की शुरुआत में दावोस (Davos) में खास बातचीत के दौरान भी इस बात का जिक्र किया था कि लोगों का एक समूह वापस आना चाहता है और ऑफिस से काम करते हुए व्यक्तिगत जुड़ाव की भावना रखता है. यहां बता दें विप्रो एकमात्र ऐसी कंपनी नहीं है, जो अपने कर्मचारियों को वापस ऑफिस से काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. टाटा समूह की टीसीएस (TCS) भी अपने कर्मचारियों को कुछ ऐसे ही दिशा-निर्देश दिए हैं.


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