बद से बदतर हो रहे हालात: श्रीलंका में खाने के अलावा आवश्यक दवाओं की भी कमी

भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका का स्वास्थ्य क्षेत्र भी तनाव में है

Update: 2022-04-07 15:06 GMT
कोलंबो, एएनआइ। भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका का स्वास्थ्य क्षेत्र भी तनाव में है। सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने के बाद आवश्यक दवाओं की कीमतों में अचानक 29 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। दवाओं के दामों में बढ़ोतरी के कारण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान के डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी बुधवार को सरकार की नीतियों के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं।
मेडिकल एंड सिविल राइट्स प्रोफेशनल एसोसिएशन आफ डॉक्टर्स के अध्यक्ष डा चमल संजीव ने कहा अस्पतालों में दवाओं और आवश्यक दवाओं की कमी है। डाक्टरों के पास कार्यस्थल की यात्रा करने के लिए कोई ईंधन नहीं है। वे ईंधन भरने वाले स्टेशनों पर लंबी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश एनेस्‍थिसिया दवाओं की कमी है।
उन्होंने कहा कि उच्च रक्तचाप और जीवन रक्षक दवाएं भी कम हैं। फार्मासिस्टों के पास दवाएं नहीं हैं। और एंटीबायोटिक्स दवाएं गायब हैं। आने वाले दिनों में हमें एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। हम वेतन के लिए विरोध नहीं कर रहे हैं। हम जीवन के लिए विरोध कर रहे हैं। एक अन्य डॉक्टर हिरण करसिंघा ने बताया कि दुर्भाग्य से देश में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीब लोग सरकारी अस्पतालों में आ रहे हैं, लेकिन कोई चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध नहीं है।
डाक्टरों के दावों का समर्थन करते हुए कोलंबो में यूनियन फार्मेसी के नाम से जाने जाने वाले सबसे बड़े फार्मा स्टोर में काम करने वाली फार्मासिस्ट शालिंथा रोड्रिगोआ ने बताया कि कई दवाएं भारत से आयात कर आती हैं, हालांकि इन दवाओं की कमी है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के कहे अनुसार, दवाओं की कीमतों में 29 प्रतिशत की वृद्धि की है। हालांकि, कैंसर की दवाओं सहित कई जीवन रक्षक दवाएं भी दुकानों से गायब हैं।
रोड्रिगोआ ने कहा कि मेडिकल स्टोर्स में पैरासिटामोल और पैनाडोल जैसी सामान्य दवाओं की भी कमी है। श्रीलंका अभूतपूर्व तरीके से दवाओं की आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है, जबकि लोग चल रहे आर्थिक संकट का विरोध करने के लिए सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं। वर्तमान में द्वीप राष्ट्र एक विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है, जिसके कारण भोजन, ईंधन, बिजली और गैस की कमी हो गई है और आर्थिक सहायता के लिए मित्र देशों की सहायता मांगी है।
आठ मार्च के बाद से अमेरिकी डालर के मुकाबले श्रीलंका की मुद्रा का लगभग एसएलआर 90 का अवमूल्यन हुआ है। द्वीप देश की अर्थव्यवस्था जोकि कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गिरावट की अवस्‍था में है। अब दवाओं, भोजन की कमी और लंबे समय तक बिजली कटौती के साथ एक चक्राकार संकट के घेरे में है। इसके अलावा देश में दवा की गंभीर कमी के कारण श्रीलंका में मंगलवार से एक आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति घोषित की गई है।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, देश के सरकारी चिकित्सा अधिकारी संघ (जीएमओए) की आपात सामान्य समिति की बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई, जिसमें आपातकालीन कानून लागू करने और दवा की गंभीर कमी पर चर्चा की गई थी।
Tags:    

Similar News

-->