दुनिया में ये देश हैं ड्राइविंग के लिए सबसे खतरनाक, हर रोज 4 की मौत निश्चित

पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क हादसों पर डराने वाली बात कही

Update: 2021-03-28 11:36 GMT

पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क हादसों पर डराने वाली बात कही. उन्होंने बताया कि देश में कोरोना से ज्यादा खतरनाक सड़क दुर्घटनाएं हैं. बात किसी हद तक सही भी है. एक ओर तुलना करें तो देश में दुनियाभर के वाहनों का केवल 1% है. इसके बाद भी सड़क हादसों में ग्लोबल डेथ के आंकड़े में हमारा योगदान 11% है. वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत सड़क हादसों में हुई मौतों के मामले में पहले स्थान पर है


देश में हर साल 4.5 लाख गंभीर सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इनमें से लगभग 1.5 लाख घायलों की जान चली जाती है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक देखा जाए तो यहां हर घंटे लगभग 53 सड़क हादसे हो रहे हैं, जिसमें हर 4 मिनट में एक मौत हो रही है. पिछले एक दशक में सड़क पर हुई दुर्घटनाओं में 13 लाख जानें चली गईं, जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग घायल हुए

हालांकि कई दूसरी रिपोर्ट्स ऐसी हैं, जिसमें ड्राइविंग के लिए खतरनाक देशों का क्रम बदल जाता है. दुनिया भर में ड्राइवर एजुकेशन उपलब्ध कराने वाली कंपनी जुटोबी ने एक स्टडी यही जानने के लिए की. इस दौरान 56 देशों को शामिल किया गया. इसमें पाया गया कि दक्षिण अफ्रीका की सड़कें सबसे खतरनाक हैं. यहां रोड हादसे में मरने वालों की संख्या 57 फीसदी से ज्यादा है. यहां हर एक लाख ड्राइवर्स में मरने वालों की संख्या 36 है

दक्षिण अफ्रीका के बाद नंबर आता है थाइलैंड का. यहां प्रति लाख की ड्राइविंग आबादी पर मरने वालों की संख्या 32.7 है. इसकी वजह है यहां पर शराब पीकर गाड़ी चलाने पर सख्त पाबंदी न होना और दूसरा यहां की सड़कों की हालत भी काफी खराब है. एक और वजह भी है. यहां लगातार सैलानी आते रहते हैं जो बगैर कायदों के सड़कों पर गाड़ियां भी चलाने लगते हैं, इससे भी हालात खराब हुए हैं

सुपर पावर कहलाते देश अमेरिका में भी सड़क हादसे कुछ कम नहीं हैं. ये देश ड्राइविंग के हिसाब से दुनिया का तीसरा सबसे असुरक्षित देश कहलाता है. यहां भी शराब पीकर गाड़ी चलाने पर फाइन का प्रावधान तो है लेकिन उसका पालन उतनी सख्ती से नहीं हो पाता. शराब पीकर एक्सिडेंट कर लोग आसानी से भाग निकलते हैं. यहां कई प्रांतों में प्रति घंटा 130 किलोमीटर की स्पीड पर गाड़ी चलाने की भी अनुमति है. इससे भी हादसे होते रहते हैं.

इसके बाद बारी आती है भारत की, जो चौथे नंबर पर है. जैसा कि हम पहले बता चुके, यहां हर साल सड़क हादसों में लगभद डेढ़ लाख जानें चली जाती हैं. सड़क हादसों के कारण अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हो रहा है. साल 2019 में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट Guide for Road Safety Opportunities में बताया गया कि साल 2016 में भारत में सड़क हादसों के कारण जीडीपी पर 12.9 लाख करोड़ का बोझ पड़ा.

ड्राइविंग के मामले में सबसे सुरक्षित देशों की सूची में नॉर्वे सबसे ऊपर है, जहां सालाना प्रति लाख की ड्राइविंग आबादी में से 2.7 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. इसकी वजह यहां के सख्त नियम-कायदे हैं. साथ ही यहां लोगों में सिविक सेंस ज्यादा है. लगभग 95 प्रतिशत लोग यहां सीट बेल्ट पहनकर ही गाड़ी चलाते हैं. नॉर्वे के बाद जापान का नंबर है. यहां के लोग वैसे भी काफी अनुशासन-प्रिय माने जाते हैं
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