अमेरिकी युद्धपोत का मलबा अब तक की सबसे अधिक गहराई में मिला, 78 साल पहले डूबा था जहाज

फिलीपीन सागर में गोताखोरों को डूबे हुए जहाज का मलबा मिला है।

Update: 2022-06-27 00:43 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  फिलीपीन सागर में गोताखोरों को डूबे हुए जहाज का मलबा मिला है। जहाज 'यूएसएस सैमुअल बी रॉबर्ट्स' का मलबा 23 हजार फीट (6,895 मीटर) की गहराई में मिला। इस जहाज को 'सैमी बी' भी कहा जाता है।

हालांकि, 'सैमी बी' की खोज वैज्ञानिकों ने नहीं की है। इसे टेक्सास के एक अरबपति विक्टर वेस्कोवो ने खोजा है, जिनके पास एक डीप-डाइविंग सबमर्सिबल है। 'सैमी बी' दो भागों में टूटा हुआ मिला। यह अब तक खोजा गया सबसे गहरा मलबा है। इससे पहले वेस्कोवो ने पिछले साल 21,223 फीट की गहराई में यूएसएस जॉनस्टन को खोजा था। यह अंतिम बचे अमेरिकी जहाजों में से एक था जिसे जापानियों के खिलाफ अपनी बहादुरी के लिए जाना जाता है। वेस्कोवो ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, समुद्र के तल में 'सैमी बी' को देखा जा सकता है। ऐसा लग रहा है इसका अगला हिस्सा तेजी के साथ तल से टकराया था, जिस वजह से यह क्षतिग्रस्त हो गया है।
द्वितीय विश्व युद्ध में जापान से लिया था लोहा
यह 306 फीट लंबा जहाज एक मारक जहाज था। इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका की नौसेना के लिए बनाया गया था। लेयते खाड़ी की बड़ी लड़ाई का हिस्सा रहे 'बैटल ऑफ समर' में जापान के साथ आमने सामने की लड़ाई के दौरान अक्तूबर 1944 में ये पानी में डूब गया था। इस जहाज में 224 क्रू मेंबर्स थे, जिसमें से 89 की जहाज के साथ डूबने से मौत हो गई थी। लेकिन इसके डूबने की सटीक जगह के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया था।
डूबने से 89 लोगों की मौत
15 अक्तूबर को जापानियों ने फिलीपींस के तट पर मित्र देशों की नौसेना को पीछे हटाने के लिए गोलाबारी की, जो पश्चिम के रास्ते में थे। जापानी बेड़ा जहाज पर भारी पड़ा लेकिन यह पानी में तैरता रहा। गोलाबारी में दीवारें क्षतिग्रस्त होने के बाद यह पानी में डूब गया। 'सैमी बी' पर उस वक्त 224 लोग सवार थे जिसमें से 89 की मौत हो गई थी। जिंदा बचे लोग 50 घंटों तक नाव पर तैरते रहे, इसके बाद उन्हें बचाया गया।
खोजने में सबमर्सिबल व्हीकल का इस्तेमाल
सबमर्सिबल व्हीकल और सोनार-बीमिंग जहाजों के इस्तेमाल से कैलाडन ओशनिक के संस्थापक वेस्कोवो और इयोस खोज दल ने 17 और 24 जून के बीच छह बार गोता लगाने के बाद इसमें सफलता पाई। 18 जून को तीन-ट्यूब वाले टॉरपीडो लांचर की मदद से मलबा ढूंढने में कामयाब रहे।

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