दुनिया के सबसे अमीर 7 देशों ने अब बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को दिया जोर का झटका- जानें क्या है पूरा मामला
कोरोना काल ने इन कोशिशों को गति दे दी और शनिवार को समझौते पर मुहर लग गई।
कोरोना संक्रमण से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए दुनिया के सबसे अमीर सात देशों ने अब बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर ज्यादा टैक्स लगाने का फैसला किया है। जी 7 के इस फैसले से कंपनियों पर लगने वाला कार्पोरेट टैक्स बढ़कर करीब 15 प्रतिशत हो जाएगा। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर गूगल, फेसबुक, एप्पल और अमेजन जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों पर पड़ने की संभावना है।
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली समेत दुनिया के साथ सबसे अमीर देशों के वित्त मंत्रियों ने शनिवार को दुनिया के टैक्स सिस्टम में संशोधन का फैसला किया। इससे कोविड-19 महामारी से बाद की स्थितियों से निपटने के लिए सरकारों को सैकड़ों अरब डॉलर की अतिरिक्त आय होगी। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी 7 देशों के बीच डिजिटल एज में हुए इस समझौते के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। इससे दुनिया की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और तरक्की की नई बयार बहेगी। महामारी के दौर में पहली बार जी 7 देशों के वित्त मंत्रियों ने आमने-सामने बैठकर बात की। लंदन में हुई इस बैठक की अध्यक्षता सुनक ने की।
बैठक में अमेरिका के वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा, यह समझौता महत्वपूर्ण और अप्रत्याशित है। यह वैश्विक कर व्यवस्था के निचले स्तर को खत्म करेगा। जर्मनी के वित्त मंत्री ओल्फ स्कोज ने कहा, दुनिया में टैक्स की बचत के लिए बने स्वर्गो के लिए यह बुरी खबर है। इसके चलते कंपनियां अब टैक्स बचाने के लिए धोखा नहीं दे पाएंगी। वे कम टैक्स लेने वाले देशों में काम करके भारी मुनाफा नहीं कमा पाएंगी। अब उन्हें कल्याण कार्यो के लिए ज्यादा धन देना होगा। उल्लेखनीय है कि दुनिया के अमीर देश वर्षो से बड़ी कंपनियों से ज्यादा टैक्स वसूलने की रणनीति बनाने में लगे थे, लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे थे। कोरोना काल ने इन कोशिशों को गति दे दी और शनिवार को समझौते पर मुहर लग गई।