विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान सन 2050 तक 2.2 अरब लोग तंबाकू कर रहे होंगे सेवन
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि सन 2050 तक 2.2 अरब लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे होंगे। इस आकलन से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तंबाकू के खिलाफ कानूनी और गैर सरकारी अभियानों की क्या गति है और उसका क्या हश्र है।
भारत में योजनाबद्ध तरीके से युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में लाने का अघोषित अभियान सा चलता दिखाई दे रहा है। आज युवक ही नहीं, बल्कि युवतियाँ भी नशे की लत की शिकार होती जा रही हैं। देश में तमाम प्रतिबंध और चेतावनियों के बाद भी जिस गति से तंबाकू खाने का प्रचलन बढ़ रहा है। उससे यह संभावना व्यक्त की जा सकती है कि आने वाले समय में इसके खतरे और बढ़ेंगे। तंबाकू के खतरे को नजरअंदाज करना न सिर्फ भयानक होगा, बल्कि आत्मघाती भी होगा। तंबाकू जनित कुछ आंकड़ों पर भी गौर कर लें। विश्व स्वास्थ्य संगठन का काबले तंबाकू निषेध कानूनों के लागू करने के बाद वयस्कों में तंबाकू सेवन की दर में 21 से 30 प्रतिशत की कमी आई थी, लेकिन इसी दौरान हाईस्कूल जाने वाले 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में तंबाकू का सेवन 60 प्रतिशत बढ़ गया था। दुनिया में होने वाली हर पांच मौतों में से एक मौत तंबाकू की वजह से होती है। तंबाकू जनित रोगों में सबसे ज्यादा मामले फेंफड़े और रक्त से संबंधित रोगों के हैं जिसका उपचार न केवल महंगा बल्कि जटिल भी है। आंकड़ा कहता है कि 1997 के मु