कोविड महामारी, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन युद्ध की तिहरी मार से जूझ रही दुनिया, दोगुनी हुई भुखमरी से जूझ रहे लोगों की संख्या
कोविड महामारी के बाद से गंभीर भुखमरी का सामना कर रही आबादी की संख्या ढाई गुने से भी ज्यादा होकर 34.5 करोड़ के पार निकल गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड महामारी के बाद से गंभीर भुखमरी का सामना कर रही आबादी की संख्या ढाई गुने से भी ज्यादा होकर 34.5 करोड़ के पार निकल गई है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) ने बुधवार को यह बात कही। डब्ल्यूएफपी के रीजनल डायरेक्टर कोरिन फ्लीशर ने कहा कि कोरोना महामारी से पहले गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे लोगों की संख्या 13.5 करोड़ थी।
भुखमरी के शिकार लोगों की बढ़ सकती है संख्या
फ्लीशर ने कहा कि महामारी के कारण पूरी दुनिया के समक्ष खाद्य आपूर्ति का संकट पैदा हो गया। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। विश्व इसे सहने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है।
10 गुना बढ़ा पलायन
उन्होंने कहा, 'दुनियाभर में आज 10 गुना ज्यादा पलायन देखने को मिल रहा है। कोविड, जलवायु परिवर्तन और युद्ध के संयुक्त प्रभाव चिंता बढ़ाने वाले हैं। पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में यूक्रेन संकट का बहुत ज्यादा असर पड़ा है। दोनों ही क्षेत्र आयात और काला सागर पर बहुत निर्भर हैं। यमन 90 प्रतिशत खाद्य जरूरतें आयात से पूरी करता है और इसका 30 प्रतिशत हिस्सा काला सागर से होकर आता है।'
कोविड के बाद से खाद्य कीमतें बढ़ने से भी संकट गहरा हुआ है। कीमतें औसतन 45 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।