IVF क्लीनिक के स्टाफ की गलती से दूसरे के बच्चे की मां बन गई महिला, पीड़ित कपल ने अदालत का किया रुख
अमेरिका में एक IVF क्लीनिक की गलती के चलते कपल की पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका (America) में एक IVF क्लीनिक की गलती के चलते कपल (Couple) की पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई. अब पीड़ित कपल ने न्याय की आस में अदालत का दरवाजा खटखटाया है. दरअसल, क्लीनिक के स्टाफ ने गलती से IVF की अदला-बदली कर दी, जिसकी वजह से महिला ने दूसरे के बच्चे को जन्म दे दिया. इस गलती का पता तब चला जब बच्चा अपने माता-पिता से बिल्कुल अलग नजर आया.
2019 में दिया था बच्ची को जन्म
अमेरिका के कैलीफोर्निया में रहने वाले डैफना और अलेक्जेंडर कार्डिनेल (Daphna & Alexander Cardinale) ने बच्चे की आस में एक IVF क्लीनिक का रुख किया था. इसके बाद डैफना ने सितंबर 2019 में एक ऐसी लड़की को जन्म दिया, जो उनके जैसी नहीं दिखती थी. तब कपल को शक हुआ कि क्लीनिक की तरफ से कुछ गड़बड़ी हुई है.
पहले भी सामने आए हैं ऐसे मामले
इसके बाद जब कपल ने DNA टेस्ट कराया, तो पूरी सच्चाई सामने आ गई. फिर डैफना और अलेक्जेंडर कार्डिनेल ने उस दंपति को भी ढूंढा जिनसे IVF की अदला- बदली हुई थी. वैसे, IVF बदलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं. बता दें कि IVF ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत महिला के 10 से 15 अंडे बनाए जाते हैं और फिर उसे बाहर निकालकर पुरुष के वीर्य के साथ मिलाकर उनका फर्टिलाइजेशन किया जाता है. इसके बाद एक सही समय पर उसे महिला के यूटरस में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
Couple ने Clinic पर लगाए ये आरोप
पीड़ित कपल ने अब क्लीनिक पर लापरवाही और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कपल का कहना है इस मामले की सच्चाई के सामने आने के बाद से वो भावनात्मक तौर पर बुरी तरह से टूट चुके थे. उनके इस दुख को किसी भी हाल में कम नहीं आंका जा सकता है. डैफना ने कहा, 'हमारा जैविक बच्चा किसी और को दिया गया और जिस बच्चे के लिए हमने दुआएं की, वो हमारा नहीं था. यह बेहद ही दर्दनाक अहसास है'.
बच्ची को देखकर चौंक गई थी मां
दंपति ने 2018 की गर्मियों में फर्टिलिटी क्लीनिक से संपर्क किया था और साल 2019 में महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. कोर्ट में पीड़ित परिवार के वकील ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद जब डैफना ने उसे देखा तो वो चौंक गई. क्योंकि बच्चे का रंग काफी गहरा था. इसके बाद परिवार ने डीएनए कराने का सोचा और जो सच्चाई सामने आई उसने सभी को हिलाकर रख दिया.