भारत-चीन एलएसी विवाद पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने व्यक्त की चिंता, कहा- 'हमेशा की तरह, हम दोस्तों के साथ खड़े होंगे'

भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय |

Update: 2021-02-10 02:47 GMT

भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड पाइस ने कहा कि, 'हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम भारत और चीन की सरकारों के बीच चल रही बातचीत को जानते हैं और हम सीधे बातचीत और उन सीमा विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालेंगे।

आगे उन्होंने कहा कि पड़ोसियों को डराने के लिए चल रहे प्रसायों को लेकर चिंतिंत हैं। हमेशा की तरह, हम दोस्तों के साथ खड़े होंगे, हम सहयोगियों के साथ खड़े होंगे।
आतंक और कोरोना महामारी से मिलकर लडे़ंगे भारत-अमेरिका


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कोरोना महामारी को हराने, वैश्विक अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने और वैश्विक आतंकवाद से मिलकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चीन की विस्तारवादी नीति से निपटने की चुनौती को देखते हुए दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त और खुला बनाने के लिए भी बढ़ावा देंगे। दोनों देशों ने अपने सामरिक द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए यह महत्वाकांक्षी एजेंडा तय किया है।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति की कमान संभालने के बाद बाइडन और मोदी ने फोन पर आपसी बातचीत में चार देशों के समूह क्वॉड (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला बनाने, जहाजों की आवाजाही की बेरोकटोक आजादी, क्षेत्रीय अखंडता और मजबूत क्षेत्रीय ढांचे पर जोर दिया गया।
बाइडन ने दुनिया भर में लोकतांत्रिक संस्थानों और मानदंडों की रक्षा करने की अपनी इच्छा को भी रेखांकित किया और कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक साझा प्रतिबद्धता अमेरिका-भारत संबंधों के लिए आधार है।
इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने बाइडन से बात की और उन्हें सफलता की शुभकामनाएं दीं। दोनों के बीच क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर चर्चा हुई और दोनों ही जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपने सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी सहमत हैं।
नाटो देशों से अलग मोदी पहले नेता, जिनसे बाइडन ने की बात
अमेरिका के अहम नाटो सहयोगी देशों के नेताओं से इतर मोदी ऐसे पहले नेता हैं, जिनसे बाइडन ने बात की है, जो यह दर्शाता है कि बाइडन प्रशासन भारत के साथ अपने रिश्तों को खासी अहमियत देता है। 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद से बाइडन अब तक नौ देशों के नेताओं से फोन पर बातचीत कर चुके हैं।
परंपरागत तौर पर कोई भी नया अमेरिकी राष्ट्रपति पहली फोन कॉल अपने दो पड़ोसियों कनाडा और मैक्सिको को करता है। इसके बाद बाइडन ने अमेरिका के करीबी सहयोगियों ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को फोन किया था। इसी बीच, उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से नए स्टार्ट समझौते को लेकर बात की।
इन मुद्दों पर भी साथ काम करेंगे दोनों देश
-जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनी।
-वैश्विक अर्थव्यवस्था को दोबारा से मजबूत करेंगे, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को फायदा मिले।
-म्यांमार में कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखा जाना चाहिए।
-वैश्विक चुनौतियों से जूझने के लिए सहभागिता पर जोर दिया गया।
-दुनिया की बेहतरी के लिए मिलकर क्या कर सकते हैं, इस पर और काम करेंगे।


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