तुर्की सरकार ने देश का नाम बदलकर रखा 'तुर्किये', आखिर क्यों उठाया गया ये कदम?
तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र भेजकर औपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि उनके देश को तुर्किये के रूप में संदर्भित किया जाए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र भेजकर औपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि उनके देश को तुर्किये (Turkey Changed its Name) के रूप में संदर्भित किया जाए. संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है. सरकार द्वारा संचालित समाचार एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. इस कदम को अंकारा द्वारा देश की छवि में बदलाव करने और पक्षी, टर्की और इसके साथ जुड़े कुछ नकारात्मक अर्थों (New Name of Turkey) से अपना नाम अलग करने के लिए प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जाता है.
अनादोलु एजेंसी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बुधवार देर रात पत्र मिलने की पुष्टि की है. एजेंसी ने दुजारिक के हवाले से कहा कि नाम परिवर्तन उस क्षण से प्रभावी हो गया था जब पत्र प्राप्त हुआ था. राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नाम तुर्की को तुर्किये (तूर-की-येय) में बदलने के लिए दबाव डाल रही है क्योंकि यह तुर्की में वर्तनी और उच्चारण है. स्वतंत्रता की घोषणा के बाद 1923 में देश ने खुद को तुर्किये कहा था.
एर्दोआन ने तुर्किये को लेकर आदेश दिया
दिसंबर में एर्दोआन ने तुर्की संस्कृति और मूल्यों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए तुर्किये के उपयोग का आदेश दिया था, जिसमें निर्यात उत्पादों पर मेड इन तुर्की के बजाय मेड इन तुर्किये का उपयोग करने की मांग शामिल थी. तुर्की के मंत्रालयों ने आधिकारिक दस्तावेजों में तुर्किये का उपयोग करना शुरू कर दिया. इस साल की शुरुआत में, सरकार ने नाम अंग्रेजी में बदलने के अपने प्रयासों के तहत एक प्रचार वीडियो भी जारी किया था. वीडियो में दुनियाभर के पर्यटकों को प्रसिद्ध स्थलों पर हैलो तुर्किये कहते हुए दिखाया गया है.
पहले भी कई देशों ने बदले नाम
किसी भी देश के लिए अपना नाम बदलना कोई बड़ी बात नहीं है. इससे पहले भी कई देश ये कदम उठा चुके हैं. साल 2020 में नीदरलैंड ने हॉलैंड शब्द को खुद से अलग कर लिया था. इससे पहले मेसिडोनिया ने अपना नाम बदलकर उत्तरी मेसिडोनिया कर लिया था. ऐसा मिस्र के साथ चल रहे राजनीतिक संघर्ष के चलते किया गया और स्वाजीलैंड ने 2018 में अपना नाम एस्वातिनी कर दिया था. इतिहास की तरफ एक नजर डालें, तो पाएंगे कि ईरान को कभी पर्शिया कहा जाता था. वहीं सियाम को आज थाईलैंड कहा जाता है. रोडेशिया ने भी अपना नाम जिम्बावे कर लिया है.