Rescue Flight में सवार होकर आम अफगानियों के रूप में ब्रिटेन पहुंच गया तालिबानी, ऐसे हुई साजिश नाकाम
अफगानिस्तान के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जो आशंका जताई गई थी, वो सही साबित होती नजर आ रही है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर जो आशंका जताई गई थी, वो सही साबित होती नजर आ रही है. ब्रिटेन पुलिस (British Police) ने तालिबान (Taliban) से रिश्ते के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया है. ये शख्स काबुल से ब्रिटिश विमान में सवार होकर यहां पहुंचा था. पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार 33 वर्षीय शख्स के जिहादी लिंक की बात सामने आई है. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान डिफेंस एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई थी कि आतंकी आम अफगानियों के रूप में ब्रिटेन पहुंचकर तबाही मचा सकते हैं.
Afghan Commando है आरोपी
पुलिस ने गिरफ्तार शख्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है. केवल इतना बताया है कि अफगानिस्तान से एयरलिफ्ट करने के बाद उसे मैनचेस्टर के एक होटल में अपने परिवार के साथ क्वारांटाइन किया गया था. आरोपी अफगान स्पेशल फोर्स कमांडो के रूप में ब्रिटिश सेना के साथ काम करता था और उसके तालिबान के साथ भी रिश्ते थे.
Hotel से साथ ले गई Police
रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपी 21 अगस्त को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यूके पहुंचा था. उसे मैनचेस्टर के पार्क इन होटल में क्वारांटाइन किया गया था, क्योंकि कोरोना के खतरे के मद्देनजर अफगानिस्तान को ब्रिटेन ने रेड लिस्ट में डाला हुआ है. 31 अगस्त को सुबह करीब 4 बजे हथियारबंद पुलिसकर्मी उसके रूम में दाखिल हुए और उसे अपने साथ ले गए.
पहले से थी करतूतों की भनक
पकड़े गए शख्स पर आरोप है कि वो तालिबान के लिए जासूसी कर रहा था. उसकी वजह से ही तालिबान ने अफगान सेना पर हमला बोला था, जिसमें घायल हुआ एक कमांडर अभी भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. उसकी करतूतों के बारे में ब्रिटिश एजेंसियों को पहले से भनक थी, लेकिन इसके बावजूद वो किसी तरह रेस्क्यू फ्लाइट में सवार होकर ब्रिटेन पहुंच गया. पुलिस ने आरोपी का लैपटॉप, फोन आदि जब्त कर लिया है.
Wife ने लगाया ये आरोप
वहीं, आरोपी की पत्नी का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने पति की गिरफ्तारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. करीब एक हफ्ते तक वो पति के खबर लेने के लिए यहां-वहां भटकती रही. अब जाकर उसे पता चला है कि उन्हें Belmarsh जेल में रखा गया है. गौरतलब है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने बड़ी संख्या में अफगानियों को एयरलिफ्ट किया था. लिहाजा, अब ये डर सता रहा है कि कहीं और आतंकी भी ऐसे ही रेस्क्यू फ्लाइट में सवार होकर वहां न पहुंच गए हों.