कंधार हाईजैक के मास्टरमाइंड के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब को तालिबान ने बनाया अफगानिस्तान का रक्षा मंत्री
अफगानिस्तान में तालिबान की नई सरकार में एक से एक खूंखार आतंकी शामिल किए गए हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) की नई सरकार में एक से एक खूंखार आतंकी शामिल किए गए हैं. अमेरिका में मोस्ट वॉन्टेड आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी को गृहमंत्री बनाया गया है. जबकि, कंधार प्लेन हाईजैक के मास्टरमाइंड रहे मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब (Mullah Mohammad Yaqoob) को तालिबान सरकार में नया रक्षा मंत्री बनाया गया है. तालिबान के संस्थापकों में एक मुल्ला उमर IC-814 हाइजैकिंग का मास्टरमाइंड था.
मुल्ला मोहम्मद याकूब को मई 2021 में तालिबान सैन्य आयोग का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था. सिराजुद्दीन हक्कानी और मुल्ला याकूब दोनों एक ऐसी सरकार चाहते थे, जिसका सैन्य दृष्टिकोण हो. मतलब ऐसी सरकार जहां नेतृत्व सेना के पास रहे, न कि बरादर द्वारा समर्थित राजनीतिक तत्वों के पास. तालिबान ने ऐसी ही सरकार का गठन हुआ है.
IC-814 क्यों हुआ था हाईजैक?
साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को हाईजैक कर लिया गया था. जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, मृत आतंकी समूह अल उमर मुजाहिदीन के नेता, मुश्ताक अहमद जरगर और ब्रिटिश मूल के अल-कायदा नेता अहमद उमर सईद शेख को भारतीय जेलों से रिहा कराने को लेकर भारत पर दबाव बनाने के लिए ये हाइजैकिंग हुई थी.
काठमांडू से भरी थी उड़ान
जिस विमान को हाइजैक किया गया था, उसने काठमांडू से उड़ान भरी थी और दिल्ली की ओर जा रही थी, लेकिन उसमें पहले से ही सवार आतंकियों ने उसे हाईजैक कर लिया. वो विमान को अफगानिस्तान के कंधार लेकर चले गए. वहां, 176 यात्रियों को सात दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था. यह भी जाता है कि इस हाइजैकिंग को पाकिस्तान की सैन्य खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन हासिल था.
जब भारत ने हाईजैकरों से निपटने के लिए सैन्य कार्रवाई करनी चाही तो तालिबान और मुल्ला उमर ने अनुमति नहीं दी. आखिरकार 176 नागरिकों की जान के बदले में भारत सरकार को उन आतंकियों को छोड़ना पड़ा था.