पाकिस्तानी फौज से बलूच विद्रोहियों का संघर्ष जारी, पाक ने बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया

चोर मचाए शोर के अंदाज में आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। स

Update: 2022-02-12 01:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चोर मचाए शोर के अंदाज में आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ने के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने आरोप लगाया है कि उसके पास पुख्ता सुबूत हैं कि बलूचिस्तान में अस्थिरता फैलाने में भारत का हाथ है। उधर समाचार एएनआइ के मुताबिक पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों और बलूच विद्रोहियों के बीच खूनी संघर्ष जारी है।

लगाया यह आरोप
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि सीपीईसी परियोजना को नाकाम करने के लिए भारत ने यह चाल चली है। साथ ही फरवरी में ही पाकिस्तान-चीन के संयुक्त बयान पर भी अवांछित टिप्पणी की है।
पाकिस्‍तान कर रहा दुष्‍प्रचार
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान संयुक्त बयान पर छह फरवरी को की गई भारत के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी को सिरे से खारिज करता है। साथ ही कहा कि भारत ने वर्ष 2021 और 2022 में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के खिलाफ डोजियर जारी करके इस परियोजना के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश की है।
भारत साफ कर चुका है अपना रुख
उल्लेखनीय है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि संबंधित पक्ष भारत के आंतरिक मामले में दखल नहीं दें। इस पर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भारत को याद दिलाया है कि असामाजिक तत्वों की मदद से बलूचिस्तान में अफरा-तफरी मचाने में भारत का हाथ होने के पुख्ता सुबूत हैं। उन्होंने कहा कि नौसैनिक कमांडर कुलभूषण जाधव अभी भी जीवित है और भारत किस तरह से पाकिस्तान के खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है, वह इसका जीता-जागता सुबूत हैं।
सेना के अत्याचारों का सामना कर रहे बलूच
इस बीच एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने दावा किया कि क्षेत्र में स्थानीय लोग सेना और आतंकी संगठनों के अत्याचार का सामना करने को विवश हैं। निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे बलूच राजनीतिक कार्यकर्ता मुनीर मेंगल ने कहा कि बलूच लोगों के बीच पाकिस्तान भरोसा खोता जा रहा है। मुनीर ने कहा, 'वहां सैन्य शासन है और दूसरी सत्ता आतंकी संगठनों की है। आतंकी संगठन पाकिस्तानी प्रतिष्ठान की संपत्ति हैं।
बड़ी संख्या में सैनिकों की मौत
बलूच राष्ट्रवादियों का सफाया करने के लिए इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल हो रहा है। चाहे न्यायपालिका हो या पुलिस, कोई भी बलूचिस्तान में अधिकारों के हनन की चिंता नहीं कर रहा है।' हाल ही में बलूच प्रतिरोधी बल ने बलूचिस्तान के पंजगुर और नोश्की इलाके में एक सैन्य अड्डे पर हमला कर बड़ी संख्या में सैनिकों को ढेर कर दिया था। इससे पहले बलूच लिबरेशन फ्रंट के हमले में 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
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