शंघाई में थम रही कोरोना की रफ्तार, लॉकडाउन में फिर से सख्‍ती बढ़ाई गई

कोविड-19 महामारी के कारण एक महीने के सख्त लॉकडाउन से उबर रहे शंघाई में अधिकारियों ने एक बार फिर वायरस रोधी पाबंदियां कड़ी कर दी हैं.

Update: 2022-05-10 01:01 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोविड-19 महामारी (COVID pandemic) के कारण एक महीने के सख्त लॉकडाउन (Lockdown) से उबर रहे शंघाई (Shanghai ) में अधिकारियों ने एक बार फिर वायरस रोधी पाबंदियां कड़ी कर दी हैं. कई जिलों में जारी नोटिस में कहा गया कि निवासियों को घर में रहने का आदेश दिया गया है और कम से कम बुधवार तक चलने वाली इस अवधि के दौरान गैर-जरूरी आपूर्तियां प्राप्त करने पर रोक लगाई गई है. नोटिस के मुताबिक बड़े पैमाने पर होने वाली जांच के नतीजों के आधार पर सख्त उपायों की अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है. हुआंगपु जिले में जारी एक नोटिस में कहा गया, 'आपकी समझ व सहयोग के लिये धन्यवाद. साथ मिलकर हम जल्द लॉकडाउन खत्म कर सकते हैं.'

यह स्पष्ट नहीं है कि किस वजह से नए सिरे से सख्ती बरतने की जरूरत पड़ी जबकि शहर में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है. शंघाई में सोमवार को बीते 24 घंटों के दौरान 3,947 नए मामले सामने आए और 11 लोगों की मौत हो गई. नए मामलों लगभग सभी में बीमारी के लक्षण नहीं थे. 2.5 करोड़ निवासियों वाले शहर में अधिकारी क्रमिक रूप से पृथकवास नियमों को हटा रहे हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि नया आदेश बीमारी के शुरुआती चरण में लौटने का संकेत है.
शंघाई ने शुरू में एक सीमित लॉकडाउन के साथ बड़े पैमाने पर जांच का आदेश दिया था, लेकिन मामलों की संख्या बढ़ने पर इसे (लॉकडाउन) बढ़ा दिया गया. संक्रमित पाए जाने या केवल एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कारण हजारों निवासियों को केंद्रीकृत पृथकवास केंद्रों में रहने को मजबूर किया गया. सोशल मीडिया के जरिये संपर्क किए जाने पर शंघाई के दो निवासियों ने कहा कि उनके पास नई पाबंदियों को लेकर पूर्व में कोई सूचना नहीं थी. उन्हें बताया गया है कि नई पाबंदियां एक हफ्ते तक रह सकती हैं.
एक टेक्नोलॉजी कंपनी में शोधकर्ता झांग चेन ने कहा, 'हम तैयार नहीं थे.' उन्होंने कहा, 'मैंने अपना बैग पैक कर लिया है' यह सोचते हुए कि पृथकवास केंद्र ले जाने का अगला नंबर उनका होगा. झांग ने कहा, 'मैं नहीं जानता मई में क्या होगा, लेकिन लॉकडाउन के बाद मुझे लगता है कि मनौवैज्ञानिक मदद की जरूरत पड़ेगी.' लू उपनाम वाली एक विपणन पेशेवर ने पश्चिमी पुडोंग जिले में कहा कि लॉकडाउन में जीने के खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं जबकि जीवन की गुणवत्ता घट रही है. उन्होंने कहा, 'हर बार, वे कहते हैं कि कुछ दिनों में लॉकडाउन से छूट मिल जाएगी, लेकिन इसका कोई अंत नजर नहीं आता.'
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