इस्राइल में रॉकेट हमले की शिकार भारतीय नर्स के अवशेष भारत रवाना...

फिलीस्तीनी आतंकी संगठन हमास के रॉकेट हमले का शिकार हो गई 30 वर्षीय भारतीय महिला सौम्या संतोष के अवशेष शुक्रवार शाम को भारत रवाना कर दिए गए।

Update: 2021-05-15 01:00 GMT

फिलीस्तीनी आतंकी संगठन हमास के रॉकेट हमले का शिकार हो गई 30 वर्षीय भारतीय महिला सौम्या संतोष के अवशेष शुक्रवार शाम को भारत रवाना कर दिए गए। भारतीय दूतावास ने ट्वीट में कहा, सौम्या के शरीर के अवशेष लेकर एक विमान शुक्रवार शाम करीब 7 बजे बेन-गुरियन एयरपोर्ट से रवाना हो गया। इस विमान के शनिवार सुबह दिल्ली पहुंचने की संभावना है।

दिल्ली में एयरपोर्ट पर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन विमान से सौम्या के अवशेष लेने के लिए खुद मौजूद रहेंगे। इसके बाद शनिवार को ही इन अवशेषों को दिल्ली से केरल में सौम्या के गृह जिले इडुक्की के लिए रवाना कर दिया जाएगा।

मुरलीधरन ने ट्वीट में कहा, गाजा से किए गए रॉकेट हमले में मारी गई सौम्या संतोष के अवशेष आज इस्राइल से दिल्ली के रास्ते केरल के लिए रवाना हो गए। ये कल अपने मूल स्थान पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा, मैं दिल्ली में अवशेषों को खुद रिसीव करूंगा। भगवान उसकी आत्मा को शांति दे।
सौम्या इस्राइल के दक्षिण तटीय शहर एश्केलॉन के एक घर में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की नर्स के तौर पर काम कर रही थी। सोमवार शाम को जब हमास आतंकियों ने गाजा सिटी से एश्केलॉन पर रॉकेट हमला किया, तब सौम्या अपने पति के साथ वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। रॉकेट सीधा उसी मकान पर गिरा, जिसके चलते सौम्या की मौत हो गई।
हालांकि बीमार बुजुर्ग महिला घायल हुई है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पिछले सात साल से इस्राइल में काम कर रही सौम्या का एक 9 साल का बेटा है, जो उसके पति के साथ ही केरल में रहता है।
इस्राइली एयर डिफेंस सिस्टम में आ गई थी तकनीकी गड़बड़ी
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छोटी रेंज के रॉकेटों के हमले को भांपने और रोकने में सक्षम सभी मौसम में काम करने वाले इस्राइली एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम बैटरी में उस समय तकनीकी खराबी आ गई थी, जब हमास आतंकियों ने इस तटीय शहर की तरफ अचानक भारी संख्या में रॉकेट छोड़ दिए थे। इस गड़बड़ी के चलते यह सिस्टम कुछ रॉकेट इंटरसेप्ट करने में नाकाम रहा, जिनमें से एक सौम्या की मौत का कारण बना।
एश्केलॉन के मेयर टॉमर ग्लैम ने भी आर्मी रेडियो पर कहा कि शहर पर रॉकेट हमले के समय 25 फीसदी नागरिक सुरक्षित क्षेत्र की पहुंच से बाहर थे। उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में 1960 में निर्मित घर हैं, जिनमें बेसिक सुरक्षा नहीं है। खजाने के अधिकारियों और नीति निर्माताओं के लिए यह समझने का वक्त है कि शहर में क्या हो रहा है।

Tags:    

Similar News

-->