NASA तक नहीं सुलझा पाया रहस्य, 900 के दशक से रहस्य बने हुए हैं ये पत्थर
कुछ लोगों का कहना है कि यहां के पत्थरों में आयरन ज्यादा है और जमीन में चुंबकीय शक्तियां हैं. इस वजह से पत्थर खिसक रहे हैं.
इस दुनिया में कई जगहें और घटनाएं ऐसी हैं, जो आज तक रहस्य बनी हुईं हैं. वैज्ञानिक लाख जतन करने के बाद भी इनकी पहेलियों को अब तक सुलझा नहीं पाए हैं. ऐसी ही एक जगह अमेरिका के पूर्वी कैलिफोर्निया में है. इस जगह की खास बात ये है कि यहां पत्थर अपने आप खिसकते हैं. यहां 320 किलोग्राम तक के पत्थरों को जगह बदलते देखा गया है.
बिल्कुट सपाट है जगह
हम बात कर रहे हैं कैलिफोर्निया में स्थित डेथ वैली नेशनल पार्क की, यहां पत्थरों का खुद-ब-खुद खिसकना नासा के लिए भी एक पहेली बनी हुई है. रेसट्रैक प्लाया 2.5 मील उत्तर से दक्षिण और 1.25 मील पूरब से पश्चिम तक बिल्कुल सपाट है. लेकिन यहां बिखरे पत्थर अपने आप खिसकते रहते हैं. यहां ऐसे 150 से भी अधिक पत्थर हैं. हालांकि, किसी ने उन्हें आंखों से खिसकते नहीं देखा.
250 मीटर तक खिसक जाते हैं पत्थर
सर्दियों में ये पत्थर करीब 250 मीटर से ज्यादा दूर तक खिसके मिलते हैं. 1972 में इस रहस्य को सुलझाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम बनाई गई. टीम ने पत्थरों के एक ग्रुप का नामकरण कर उस पर सात साल स्टडी की. केरीन नाम का करीब 317 किलोग्राम का पत्थर स्टडी के दौरान जरा भी नहीं हिला. लेकिन जब साइंटिस्ट कुछ साल बाद वहां वापस लौटे, तो उन्होंने केरीन को 1 किलोमीटर दूर पाया. अब वैज्ञानिकों का यह मानना है कि तेज रफ्तार से चलने वाली हवाओं के कारण ऐसा होता है.
वैज्ञानिकों ने किए कई दावे
अन्य वैज्ञानिकों का मानना है कि इन पत्थरों के अपने आप जगह बदलने की वजह मौसम की खास स्थिति हो सकती है. इस बारे में किए गए शोध बताते हैं कि रेगिस्तान में 90 मील प्रति घंटे की गति से चलने वाली हवाएं, रात को जमने वाली बर्फ और सतह के ऊपर गीली मिट्टी की पतली परत, ये सब मिलकर पत्थरों को खिसकाते होंगे.
अभी तक असल वजह का नहीं लगा पता
बिना किसी हलचल के खिसकते ये पत्थर 1900 के दशक से रहस्य बने हुए हैं. कुछ लोग इसका कारण पारलौकिक शक्तियों को बताते हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इनका राज जानने के लिए शोध कर चुकी है। वहीं स्पेन की कम्प्लूटेंस यूनिवर्सिटी के भूवैज्ञानिकों की टीम ने इसका कारण मिट्टी में मौजूद माइक्रोब्स की कॉलोनी को बताया था. कुछ लोगों का कहना है कि यहां के पत्थरों में आयरन ज्यादा है और जमीन में चुंबकीय शक्तियां हैं. इस वजह से पत्थर खिसक रहे हैं.