अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ प्रयुत सरकार ने जीता विश्वास मत, थाईलैंड में विपक्ष को लगा धक्का
थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा ने शनिवार को संसद में विश्वासमत जीत लिया.
थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा (Thailand prime minister Prayut Chan o cha) ने शनिवार को संसद में विश्वासमत जीत लिया. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार अर्थव्यवस्था को सही तरीके से संभाल नहीं पाई, कोविड-19 टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) में गड़बड़ी हुई, मानवाधिकारों के उल्लंथाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा (Thailand prime minister Prayut Chan o cha) ने शनिवार को संसद में विश्वासमत जीत लिया.घन (Human Rights Violation) और भ्रष्टाचार के मामले बढ़े हैं. प्रधानमंत्री के अलावा नौ अन्य मंत्री भी विश्वासमत जीतने (Confidence Vote) में कामयाब रहे.
जुलाई 2019 में सत्ता में आने के बाद से यह दूसरी बार है जब प्रयुत के नेतृत्व वाली सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. पिछले साल फरवरी में प्रयुत और पांच अन्य कैबिनेट मंत्रियों ने निचले सदन में आसानी से विश्वासमत जीत लिया था. विपक्ष द्वारा लाए गए प्रस्ताव में उनकी सरकार की, पुलिस अधिकारियों को खुली छूट देने और सोशल मीडिया पर सरकार के आलोचकों की आवाज को दबाने के लिए साइबर यूनिट की स्थापना समेत अन्य शिकायतों को लेकर आलोचना की गई थी.
विभाजन की खाई को बढ़ाने का आरोप
प्रयुत पर सबसे गंभीर आरोप यह लगे थे कि उन्होंने विरोध या आलोचना से बचने के लिए राजशाही का इस्तेमाल कर समाज में विभाजन की खाई को बढ़ाने का काम किया. विपक्षी 'मूव फॉरवर्ड पार्टी' के नेता पीता लिमजारोएन्रात ने कहा कि प्रयुत की सबसे बड़ी समस्या है कि वह संवैधानिक राजशाही के सिद्धांतों को नहीं समझते हैं.
उन्होंने कहा कि विरोध या आलोचना होने पर प्रधानमंत्री ने अपना बचाव करने के लिए राजशाही का इस्तेमाल किया. यह सही कदम नहीं है और वह प्रधानमंत्री के पद पर रहने के योग्य नहीं हैं. प्रयुत के समर्थन में 272 सांसदों ने वोट किया जबकि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 206 सदस्यों ने मतदान किया और तीन सदस्य अनुपस्थित रहे.
10,000 पुलिसकर्मी तैनात
शुक्रवार शाम को सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के सामने सड़क पर प्रयुत और अन्य मंत्रियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शनिवार दोपहर को एक और रैली की योजना बनाई गई थी. पुलिस ने कहा कि वे भीड़ को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैंकाक में 10,000 से अधिक अधिकारियों को तैनात करेंगे. संसद के पास वाटर कैनन ट्रकों सहित पुलिस वाहनों को तैनात किया गया.