पंजशीर पर कब्जे की लड़ाई हुई तेज, अहमद मसूद बोले- काबुल में आइएसआइ की दस्तक, जारी रहेगा जंग
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन को टाले जाने के बीच पंजशीर पर कब्जे को लेकर लड़ाई तेज हो गई है।
काबुल, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन को टाले जाने के बीच पंजशीर पर कब्जे को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। हालांकि तालिबान ने इस क्षेत्र पर कब्जा करने का दावा किया है, जिसके बाद इस जीत के जश्न में काबुल में जमकर फायरिंग की गई। तालिबान लड़ाकों की फायरिंग में 17 लोगों के मारे जाने और 41 के घायल होने की खबर है। पंजशीर घाटी पर नियंत्रण रखने वाले नार्दर्न अलायंस ने तालिबान के दावे को खारिज किया है। अलायंस ने कहा कि उसका पंजशीर पर अब भी नियंत्रण है।
तालिबान ने किया पूरे मुल्क पर कब्जे का दावा
तालिबान के एक कमांडर ने शुक्रवार को दावा किया, 'अल्लाह की रहम से अब हमारा पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण हो गया है। पंजशीर अब हमारे नियंत्रण में है।' इस दावे खबर पहुंचते ही काबुल में शुक्रवार रात जमकर हर्ष फाय¨रग की गई। फायरिंग की खबर पर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा, 'हवा में फाय¨रग करने से बचें और अल्लाह का शुक्रिया अदा करें। गोलियों से नागरिकों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए गैरजरूरी गोलीबारी न करें।'
सालेह बोले- नहीं डाले हथियार
वहीं अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा कि उनके लोगों ने हथियार नहीं डाले हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, 'इसमें शक नहीं है कि हम मुश्किल हालात में हैं। हम तालिबान के हमले का मुकाबला कर रहे हैं। हमारा अब भी नियंत्रण है।' सालेह पंजशीर में तालिबान से मुकाबला कर रहे गठबंधन बलों नार्दर्न अलायंस के कमांडरों में एक हैं।
अहमद मसूद बोले- जारी रहेगी जंग
नार्दर्न अलायंस के प्रमुख अहमद मसूद ने भी तालिबान के कब्जे के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वह अल्लाह, न्याय और आजादी के लिए संघर्ष करते रहेंगे। बता दें कि अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने गत 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। लेकिन काबुल से 150 किलोमीटर दूर पंजशीर क्षेत्र पर अब भी तालिबान के नियंत्रण से बाहर है।
इस कारण हो रहा विलंब
समाचार एजेंसी प्रेट्र के मुताबिक तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने शनिवार को बताया कि नई सरकार के गठन को टाल दिया गया है। उन्होंने कहा, 'नई सरकार और कैबिनेट सदस्यों के बारे में अब अगले सप्ताह घोषणा की जाएगी।' इससे पहले शुक्रवार और फिर शनिवार को सरकार बनाने की बात कही गई थी। यह खबर है कि तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में नई सरकार बनाई जाएगी जबकि सरकार गठन के लिए विभिन्न समूहों से बातचीत करने के लिए तालिबान की ओर से गठित समिति के सदस्य खलील हक्कानी ने कहा कि ऐसी सरकार बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जो पूरी दुनिया में स्वीकार्य हो। इसी कारण विलंब हो रहा है।
काबुल पहुंचे आइएसआइ प्रमुख
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद काबुल पहुंच गए हैं। उनका यह दौरा तालिबान सरकार बनने के मौके पर हो रहा है। एएनआइ के अनुसार, पाकिस्तानी पत्रकार हमजा अजहर सलाम ने ट्वीट मेंे बताया, 'तालिबान के बुलावे पर आइएसआइ प्रमुख के नेतृत्व में पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल काबुल गया है।' बता दें कि तालिबान और आइएसआइ के बीच करीबी संबंध की बात जगजाहिर है। पूर्ववर्ती अफगान सरकार के अधिकारियों ने भी कहा था कि देश पर तालिबान के कब्जे में आइएसआइ मदद कर रही है।