यूक्रेन पर रूस के हमले का असर, कृषि उपज घटी, पैदावार और निर्यात दोनों को किया प्रभावित

युद्ध ने यूक्रेन की कृषि उपज पर गंभीर असर डाला है। रूसी हमलों से बचते-बचाते की गई खेती से इस बार 4.85 करोड़ टन खाद्यान्न पैदा होने का अनुमान है।

Update: 2022-06-14 03:25 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। युद्ध ने यूक्रेन की कृषि उपज पर गंभीर असर डाला है। रूसी हमलों से बचते-बचाते की गई खेती से इस बार 4.85 करोड़ टन खाद्यान्न पैदा होने का अनुमान है।इसमें गेहूं की मात्रा दो करोड़ टन है। जबकि पिछले वर्ष शांति काल में देश में खाद्यान्न उपज 8.6 करोड़ टन हुई थी। कृषि उप मंत्री टारस वीसोत्स्की ने बताया है कि चालू वर्ष की पैदावार में से तीन करोड़ टन खाद्यान्न निर्यात किया जा सकेगा। यूक्रेन खाद्यान्न और तिलहन का बड़ा उत्पादक देश है। लेकिन रूसी हमले ने इसकी कृषि पैदावार और निर्यात, दोनों को प्रभावित किया है।

रूसी नौसेना ने यूक्रेन के बंदरगाहों की घेराबंदी और काला सागर की नाकेबंदी कर रखी है, इसलिए वहां पर मालवाही जहाजों का आवागमन बंद है। कृषि उत्पादों की पैदावार यूक्रेन के लिए राजस्व प्राप्ति का बड़ा जरिया है। इसलिए सरकार अब सड़क, नदी और रेल के जरिये खाद्यान्न निर्यात के लिए तैयारी कर रही है।
पाकिस्तान से सस्ते गेहूं, तेल का सौदा नहीं
रूस ने पाकिस्तान की सरकार के सस्ती दर पर गेहूं और तेल देने का कोई समझौता नहीं किया है। यह बात पाकिस्तान में रूस के राजदूत दानिला गानिच ने कही है। उन्होंने यह बयान मीडिया की उन चर्चाओं के बाद दिया है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद फरवरी में रूस की यात्रा पर गए तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने रूस की सरकार के साथ सस्ती दर पर गेहूं और तेल खरीदने का समझौता किया था।
प्रतिदिन यूक्रेन में 200 सैनिकों की जा रही जान
डोनबास में जारी भीषण जंग के बीच यूक्रेनी सेना का नुकसान भी बढ़ गया है। मई में रोजाना की लड़ाई में यूक्रेन के औसतन 100 सैनिक मारे जा रहे थे, वह संख्या जून में बढ़कर प्रतिदिन 200 सैनिकों के मरने की हो गई है। यूक्रेन को जल्द से जल्द पश्चिमी देशों के बड़े और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार चाहिए जिनसे वह रूसी सेना का मुकाबला कर सके।
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